चाहे कितना भी हो ट्रैफिक जाम फर्राटे से सड़क पर दौड़ेगी यह बस!
जनसंख्या में बढ़ोतरी हर देश में बड़ी समस्या है, खासकर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे मेट्रो में.
इससे न सिर्फ समय बचेगा बल्कि ईंधन खर्च में भी किफायत होगी. (फाइल फोटो)
इससे न सिर्फ समय बचेगा बल्कि ईंधन खर्च में भी किफायत होगी. (फाइल फोटो)
जनसंख्या में बढ़ोतरी हर देश में बड़ी समस्या है, खासकर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे मेट्रो में. और हर किसी की इच्छा होती है अपनी कार होने की, जो ट्रैफिक जाम की स्थिति बढ़ाता है. लेकिन अगर कोई ऐसा ट्रांसपोर्ट सिस्टम आ जाए जिससे सड़क पर वाहन फर्राटे से दौड़ते रहें और आप उस एडवांस ट्रांसपोर्ट सिस्टम की मदद से दफ्तर या किसी और गंतव्य पर घंटों की बजाय मिनटों में पहुंच जाएं तो कितना अच्छा लगेगा. इससे न सिर्फ समय बचेगा बल्कि ईंधन खर्च में भी किफायत होगी. जी हां, हम बात कर रहे हैं 'एडवांस गायरोस्कोपिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों' की. अगर ये वाहन हमारी सड़कों पर दौड़ने लगे तो न सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी बल्कि सड़क पर चलना और सुरक्षित हो जाएगा. ऐसा दावा एक मीडिया रिपोर्ट में किया गया है.
गायरोस्कोपिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम क्या है?
यह दरअसल लार्ज पॉड हैं जो फ्लेक्सिबल लेग पर चलते हैं यानि ये एक्सपैंड (खुल) भी हो सकते हैं और एलांगेट (खड़े) भी हो सकते हैं. आम भाषा में समझा जाए तो ऐसी बस जो जाम वाली जगह को वाहनों के ऊपर से क्रॉस कर जाए और कहीं अगर दुर्घटना हो तो अपने आप रुक जाए. यह समूची बस गायरोस्कोप (एक पोल) पर टिकी होती है. गायरोस्कोपिक पॉड एक बस की शक्ल का होगा. इसमें प्लेन में जैसा सीटिंग अरेंजमेंट होगा. इसमें सैलून और लाउंज के साथ टीवी भी लगा होगा. इसमें सफर किसी आम बस की तरह सुरक्षित होता है. इस तकनीक का इस्तेमाल एयरोप्लेन और स्पेसशिप में होता है. यह ऑटोपायलट मोड में काम करती है. इनका आकार छोटा-बड़ा दोनों हो सकता है. यह सड़क पर वाहनों की ऊंचाई से ऊपर चलती है. इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाए तो यह सड़क पर किसी मेट्रो पिलर से भी कम जगह में चल सकती है.
किसने विकसित की है यह तकनीक
इंडियाटाइम्स की खबर के मुताबिक इस तकनीक को विकसित किया है दाहिर इनसेट ने. इस कंपनी ने ही गायरोस्कोपिक ट्रांसपोर्ट की अवधारणा दी यानि भविष्य की सफर करने की सवारी. कंपनी के मुताबिक यह तकनीक परीक्षण में सफल रही है. हालांकि अभी इस तकनीक का डिजिटल प्रोटोटाइफ सिर्फ ऑटोकैड में मौजूद है.
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कतर में गायरोस्कोपिक ट्रांसपोर्ट की चल रही बात
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कतर 2022 के वर्ल्ड कप से पहले अपने यहां 20 गायरोट्रेन स्थापित करना चाहता है. इसे लेकर बातचीत चल रही है. दाहिर इनसेट कंपनी रूस में भी इसे स्थापित करने की इच्छुक है. हालांकि वहां कुछ ही रूटों पर ऐसा अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट देखने को मिल सकता है. मसलन मास्को के डायनामो मेट्रो स्टेशन से लेकर शेरेमेतेवयो एयरपोर्ट रूट पर. दाहिर इनसेट के कंस्ट्रक्शन एंटरप्रेन्योर दाहिर सेम्योनोव का दावा है कि यह ट्रांसपोर्ट सिस्टम एकदम सेफ है. गायरोट्रेन अगर किसी भी व्यक्ति से टकराती है तो उसे नुकसान नहीं पहुंचाती.
07:06 PM IST