WEF Global Risks Report 2022: कोरोना ही नहीं, ये फैक्टर्स हैं दुनिया के लिए महासंकट, रिसर्च में सामने आई बात
WEF Global Risks Report 2022: कोरोना दुनिया के सामने महासंकट बन कर खड़ा है, लेकिन World Economic Forum ने मानना है कि जल्द ही कोरोना से कई बड़े संकट दुनिया के सामने आने वाले हैं.
WEF Global Risks Report 2022
WEF Global Risks Report 2022
Global Risks Report 2022: कोरोना वायरस ने साल 2020 में दस्तक दी तो इसे आम वायरस की तरह देखा गया. लेकिन, धीरे-धीरे इसने दुनिया में इतना कहर ढाया कि सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ा हो गया. एक ऐसी चुनौती जो दो साल बाद भी सबसे बड़ा संकट नजर आ रहा है. दुनिया में इसे महमारी घोषित किया गया. अब नए वैरिएंट से रोजाना लोगों चौंका रहा है. लेकिन, ये दुनिया का सबसे बड़ा संकट नहीं है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक, दुनिया के लिए कोरोना से बड़ा संकट अपने पैर पसार रहा है. इसका जिक्र वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अपनी ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2022 में किया है.
क्या है ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2022?
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2022 एक ऐसी रिसर्च सीरीज है, जहां दुनिया के बड़े खतरों पर रिस्क एक्सपर्ट और बिजनेस, इकोनॉमिक, सिविल सोसाइटी के वर्ल्ड लीडर्स की राय ली जाती है. इसमें आर्थिक, पर्यावर्णिक, सामाजिक, जियो-पोलिटिकल और तकनीकी जैसी 5 कैटेगरी को कवर किया जाता है. हर साल एक गहन अध्यन के बाद उन रिस्क फैक्टर्स को निकाला जाता है, जिनके साइन दिखना शुरू हो चुके हैं.
पर्यावरण को पहुंचता नुकसान दुनिया के लिए महासंकट
पर्यावरण में लगातार होता बदलाव (Environmental risks), रिस्क रिपोर्ट में टॉप पर रहा. साथ ही क्लाइमेट चेंज (CLIMATE CHANGE) से जुड़े खतरे, रिपोर्ट की टॉप 10 लिस्ट में टॉप 3 में रहे. दो साल में covid-19 ने रिकॉर्ड केस दर्ज किए हैं, लेकिन World Economic Forum की Global Risks Report 2022 के एक्सपर्ट्स की मानें तो लॉन्ग टर्म में आने वाला खतरा यानि कि क्लाइमेट चेंज कोविड से भी कई गुना बड़ा संकट बन कर दुनिया के सामने खड़ा है.
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100 में से केवल 16% एक्सपर्ट्स सकारात्मक
सर्वे का बड़ा अनुपात वर्ल्ड आउटलुक को लेकर चिंता में नजर आया. केवल 16% रिजल्ट पॉजिटिव रहा, जबकि 23 % चिंतित और 61.2% हिस्सा बेहद चिंतित नजर आया.
आने वाले समय में बड़े खतरे
Short, Medium and Long-term ग्लोबल रिस्क (Global Risks):
0 से 2 साल में - आने वाले 2 सालों में, अस्थिर मौसम, जीवन यापन से जुड़ी समस्या, क्लाइमेट एक्शन फेलियर, सामाजिक एकता में कमी , मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट, खतरनाक बीमारियां, डेट क्राइसिस बड़े खतरे बन कर सामने आ सकते हैं.
2 से 5 साल में - डेट क्राइसिस, इंसान द्वारा पर्यावरण को नुकसान, साइबरसिक्योरिटी और बायोडाइवर्सिटी से जुड़े बड़े खतरे सामने हैं.
5 से 10 साल में- सामाजिक एकता का खत्म होना, टेक्निकल प्रोग्रेस से जुड़े विपरीत प्रभाव दुनिया के सामने खतरा बन कर आ सकते हैं.
04:01 PM IST