अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी जंग खत्म करने के लिए हो रही है यह कोशिश
अमेरिका के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा कि हमें उम्मीद है कि समाधान निकल जाएगा.
वाशिंगटन और चीन के बीच मौजूदा व्यापार विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है. व्हाइट हाउस के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. चीन की मौजूदा व्यापार नीतियों की वजह से यह विवाद बना हुआ है. आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा कि वित्तीय बाजार और अमेरिकी कंपनियां इस संभावना को देख रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के 200 अरब डॉलर के सामान पर एक और शुल्क लगा सकते हैं. कुडलो ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इसका समाधान निकल जाएगा. कुडलो ने सीएनबीसी से कहा, हमारी बातचीत लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि यदि चीन अपने बाजारों को खोलने से इनकार करता रहता है तो वह और अधिक अलग-थलग पड़ जाएगा.
पहले बातचीत रही थी बेनतीजा
अमेरिका और चीन के वार्ताकारों के बीच व्यापार मुद्दों को लेकर अगस्त के अंतिम सप्ताह में दो दिन चली बातचीत बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गई थी. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार में तनाव के चलते दुनियाभर के वित्तीय बाजारों पर असर पड़ा है और वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ है. चीन की उच्च-प्रौद्योगिकी औद्योगिक नीति को लेकर विवाद अगस्त में उस समय और बढ़ गया जब ट्रंप प्रशासन और बीजिंग दोनों ने एक दूसरे के 16 अरब डॉलर के और सामान पर आयात शुल्क लगा दिया. ट्रंप प्रशासन ने जुलाई में 34 अरब डॉलर के चीनी उत्पादों पर आयात शुल्क लगाया था. बीजिंग ने भी उसके जवाब में अमेरिकी आयात पर शुल्क लगा दिया था.
चीन ने टू प्लस टू वार्ता का स्वागत किया
चीन ने शुक्रवार को भारत और अमेरिका की पहली टू प्लस टू वार्ता का स्वागत किया लेकिन दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रक्षा करार पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इस करार के तहत भारतीय सेना को महत्वपूर्ण और एन्क्रिप्टिड (कूट रूप से सुरक्षित) अमेरिकी रक्षा प्रौद्योगिकियां मिलेंगी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ तथा रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ पहली टू प्लस टू वार्ता के बाद दोनों देशों ने ‘संचार, संगतता, सुरक्षा समझौते’ (कॉमकासा) पर हस्ताक्षर किये. कॉमकासा के लागू होने से भारत को अमेरिका से अत्याधुनिक सैन्य संचार उपकरण मिलेंगे.
12:51 PM IST