PM नरेन्द्र मोदी टोक्यो में, रूस के बाद जापान से भी हो सकता है बड़ा सौदा
दोनों देशों के बीच रविवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की जाएगी और द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत बनाने पर चर्चा होगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जापान पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत हुआ (फोटो साभार-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के टि्वटर हैंडल से)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जापान पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत हुआ (फोटो साभार-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के टि्वटर हैंडल से)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत-जापान के बीच पांचवें वार्षिक सम्मेलन के लिए टोक्यो पहुंच चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि आर्थिक मुद्दों समेत अन्य कई विषयों पर बातचीत होगी. इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां पहुंचने के बाद कहा कि जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ उनकी बैठक दोनों देशों के मजबूत रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ेगी. भारत-जापान के बीच 13वें वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को तोक्यो पहुंचने के बाद उन्होंने यह बात कही. दोनों देशों के बीच रविवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की जाएगी और द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत बनाने पर चर्चा होगी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, “शिंजो आबे के साथ पांचवें वार्षिक सम्मेलन के लिए टोक्यो पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. जापान उन कुछ देशों में शामिल है, जिसके साथ भारत वार्षिक सम्मेलन करता है. यह हमारे संबंधों की असाधारण मजबूती को दिखाता है.” इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “टोक्यो पहुंच गया हूं. मैं आश्वस्त हूं कि यह यात्रा भारत और जापान के मजबूत रिश्ते में नया अध्याय जोड़ेगी.”
जापान पहुंचने पर विमान से उतरते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. (फोटो साभार-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के टि्वटर हैंडल से)
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जापान रवाना होने से पहले शुक्रवार को बयान जारी कर मोदी ने कहा था, ‘‘जापान हमारा मूल्यवान सहयोगी है. हमारा जापान के साथ विशेष सामरिक एवं वैश्विक गठजोड़ है. जापान के साथ हमारे आर्थिक, सामरिक सहयोग में हाल के वर्षों में काफी बदलाव आया है. आज हमारा सहयोग काफी गहरा एवं उद्देश्यपूर्ण है.’’मोदी ने कहा था कि भारत और जापान के बीच सहयोग भारत की एक्ट ईस्ट नीति और मुक्त, खुली तथा समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र के प्रति दोनों देशों की साझी प्रतिबद्धता के मजबूत स्तम्भों पर आधारित है.
प्रधानमंत्री ने कहा था, “सितंबर 2014 में मेरी प्रधानमंत्री के रूप में पहली जापान यात्रा के बाद प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ यह 12वीं बैठक होगी.”उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच यह पूरक भाव ही भारत और जापान को विजयी युग्म बनाता है. जापान आज के समय में भारत के आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण में सबसे विश्वसनीय सहयोगी है. ’’उन्होंने कहा था कि मुम्बई-अहमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर और समर्पित फ्रेट कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय एवं मजबूत आर्थिक सहयोग को प्रदर्शित करते हैं.
उन्होंने कहा कि जापान हमारे देश में ‘मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी राष्ट्रीय पहल में आगे बढ़कर सहयोग कर रहा है. मोदी ने कहा कि वे नवोन्मेष, प्रौद्योगिकी एवं सर्वश्रेष्ठ पहल में विश्व स्तर पर जापान के नेतृत्व को महत्व देते हैं. इस यात्रा के दौरान उन्हें रोबोटिक्स के क्षेत्र में जापान की उच्च क्षमताओं को देखने का अवसर मिलेगा. आपको बता दें जापान सिर्फ भारत से वार्षिक द्विपक्षीय बैठक करता है जबकि भारत जापान के अतिरिक्त रूस के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करता है.
10:14 AM IST