केन्द्रीय बैंकों की सोने की मांग मजबूत बनी रहेगी : स्वर्ण परिषद
केंद्रीय बैंकों ने 2018 की पहली छमाही में अपने स्वर्ण भंडार में में 193.3 टन की शुद्ध बढ़ोतरी की.
केंद्रीय बैंकों को विदेशी मुद्रा का भंडार ऊंचा बनाए रखने के लिए सोने की जरूरत होगी.
केंद्रीय बैंकों को विदेशी मुद्रा का भंडार ऊंचा बनाए रखने के लिए सोने की जरूरत होगी.
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) का अनुमान है कि दुनिया में केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की मांग मजबूत बनी रहेगी. उसकी राय में केंद्रीय बैंको के लिए (निवेश) विविधीकरण और कुल मिला कर विदेशी मुद्रा का भंडार ऊंचा बनाए रखने के लिए सोने की जरूरत होगी. केंद्रीय बैंकों ने 2018 की पहली छमाही में अपने स्वर्ण भंडार में में 193.3 टन की शुद्ध बढ़ोतरी की. यह उनकी ओर से पिछले साल इसी अवधि में शुद्ध रूप से खरीदे गए 178.6 टन सोने से 8 प्रतिशत अधिक है. यह जानकारी डब्लूजीसी ने अपनी रिपोर्ट 'मार्केट अपडेट: सेंट्रल' बैंक खरीद गतिविधि' में दी है.
इसमें कहा गया है, 'आगे जाकर, हम उम्मीद करते हैं कि केंद्रीय बैंक की मांग मजबूत रहेगी और विविधीकरण की जरूरत मांग में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारक बनी रहेगी.' डब्लूजीसी के अनुसार कई उभरती अर्थव्यवस्था के केंद्रीय बैंकों ने अमेरिकी डॉलर में अधिक दाव लगा रखा है और वे भविष्य में विनिमय दर में उतार चढ़ाव से बचने के लिए स्वाभाविक तौर पर सोने की ओर रुख कर सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, 'वर्ष 2015 के बाद केंद्रीय बैंक द्वारा सोने की खरीदारी की दृष्टि से इस वर्ष की पहली छमाही सबसे मजबूत पहली छमाही रही है.'
09:12 PM IST