International Museum Day 2023: यहां है भारत का सबसे बड़ा और पुराना संग्रहालय, इसे घूमने में लग जाते हैं 2 से 3 दिन
हर साल 18 मई को International Museum Day मनाया जाता है. आज इस मौके पर हम आपको बताएंगे भारत के सबसे बड़े और पुराने संग्रहालय के बारे में, जिसमें आपको हड़प्पा संस्कृति से लेकर तिब्बती और पारसी मंदिरों के डिजाइन की झलक भी देखने को मिल जाएगी.
Source- indianmuseumkolkata.org
Source- indianmuseumkolkata.org
संग्रहालय (Museum) वो जगह होती है, जहां पर संस्कृति, परंपरा और ऐतिहासिक महत्व रखने वाली अतीत की स्मृतियों के अवशेषों और कलाकृतियों को सुरक्षित रखा जाता है, ताकि आने वाली पीढ़ी को पुरानी संस्कृति से जोड़ा जा सके. इसके लिए भारत समेत दुनियाभर में तमाम म्यूजियम बनाए गए हैं. इन संग्रहालय की महत्ता को समझाने के लिए हर साल 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (International Museum Day 2023) मनाया जाता है. आज इस मौके पर हम आपको बताएंगे भारत के सबसे बड़े और पुराने संग्रहालय के बारे में, जिसमें आपको हड़प्पा संस्कृति से लेकर तिब्बती और पारसी मंदिरों के डिजाइन की झलक भी देखने को मिल जाएगी.
कोलकाता में है देश का सबसे बड़ा म्यूजियम
देश का सबसे बड़ा म्यूजियम कोलकाता में है. इस संग्रहालय को भारतीय संग्रहालय (Indian Museum) के नाम से जाना जाता है. भारतीय संग्रहालय का पुराना नाम इंपीरियल म्यूजियम (Imperial Museum) था, बाद में बदलकर इंडियन म्यूजियम (Indian Museum) कर दिया गया. जवाहरलाल स्ट्रीट पर स्थित इस म्यूजियम को छह खंडों में बनाया गया है.
अंग्रेजों के समय में बनाया गया था ये संग्रहालय
इस म्यूजियम की स्थापना अंग्रेजों के समय में सन 1814 ई. में की गई थी. भारत की विरासत की रक्षा के लिए इसकी स्थापना एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल ने की थी और इसे नेथेलिन वैलीच की देख-रेख में बनाया गया था. विलियम जॉन्स ने इस संग्रहालय को बनवाने में अहम योगदान दिया था. इस म्यूजियम के बाद ही भारत में तमाम संग्रहालय बनने शुरू हुए.
छह खंडों में बनाया गया
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
Intraday में बनेगा तगड़ा पैसा! पोर्टफोलियो में रख लें ये 5 शेयर, एक्सपर्ट ने बताया टारगेट और स्टॉप लॉस
भारतीय म्यूजियम इतना बड़ा है कि इसे पूरा घूमने में आपको दो से तीन दिन का समय लग सकता है. इस संग्रहालय को छह खंडों (आर्कियोलॉजी, एंथ्रोपोलॉजी, जियोलॉजी, जूलॉजी, इंडस्ट्री और आर्ट) में बनाया गया है. एंथ्रोपोलॉजी सेक्शन में आप मोहनजोदड़ो और हड़प्पा काल की निशानियां देख सकते हैं. यहां चार हजार साल पुरानी मिस्र की ममी भी रखी है.
वहीं अगर आप जियोलॉजी सेक्शन में जाते हैं तो आपको इस इलाके में पाए जाने वाले खनिज, जीवाश्म और चट्टानें देखने को मिलेंगी. जूलॉजी सेक्शन में मछलियां, सरीसृप और मैमथ के कंकाल और सबसे बड़ा आकर्षण डायनासोर कंकाल है. इंडस्ट्रियल सेक्शन में आपको कुटीर उद्योग, दवा, वनोपज और कृषि उपज से जुड़ा काफी कुछ देखने को मिलेगा. आर्ट गैलरी में आप भारतीय-पारसी स्टाइल की चित्रकारी और तिब्बती मंदिरों से जुड़ी तमाम चीजें देख सकते हैं.
जानिए अंतराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का इतिहास
अंतराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के इतिहास की बात करें तो इस दिन को सेलिब्रेट करने का विचार इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम (आईकॉम) को आया था और इसके बाद 1977 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई. तब से हर साल 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है. भारत समेत दुनियाभर के तमाम देश इसे मनाते हैं.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
11:07 AM IST