चीनी स्मार्टफोन खरीदने में भारतीयों ने 1 साल में खर्च किए 50,000 करोड़ रुपये, इन ब्रांड्स की है धूम
यह खर्च सिर्फ चार चीनी ब्रांड के मोबाइल फोन पर किया गया है. यह खर्च पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है. इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि यह खर्च बताता है कि भारत में चीन निर्मित स्मार्टफोन का दबदबा है.
फोटो साभार - रॉयटर्स
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चीनी सामान को लेकर सबसे पहले हम भारतीयों के मन में यह तस्वीर उभरती है कि यह टिकाऊ नहीं होगी. लेकिन इसका दूसरा पहलु यह भी है कि भारतीयों ने एक साल में चीनी स्मार्टफोन खरीदने में एक साल में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक फूंक डाले. आपको बता दें यह खर्च सिर्फ चार चीनी ब्रांड के मोबाइल फोन पर किया गया है. यह खर्च पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है. इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि यह खर्च बताता है कि भारत में चीन निर्मित स्मार्टफोन का दबदबा है.
रिपोर्ट के मुताबिक चीनी मोबाइल फोन ब्रांड - शियाओमी, ओप्पो, वीवो, ऑनर की खरीदारी भारतीयों ने सबसे अधिक की. इसके अलावा लेनोवो-मोटोरोला, वन प्लस और इनफीनिक्स सहित ये तमाम चीनी ब्रांड ने भारत में कुल स्मार्टफोन की बिक्री में आधे से अधिक की भूमिका है. चीनी स्मार्टफोन की बिक्री इस साल भी तेजी से बढ़ी है. चीनी मोबाइल कंपनियां भारतीय. जापानी या कोरियाई कंपनियों के मुकाबले अधिक फीचर वाले स्मार्टफोन कम कीमत में भारत में पेश कर रहे हैं. भारतीय बाजार में चीनी ब्रांड ने खुद को एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के रूप में स्थापित कर लिया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, काउंटर प्वॉइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक कहते हैं कि चीनी ब्रांड को शेनझेन हार्डवेयर और आरएंडडी हब और सप्लाई चेन सिस्टम में आसान पहुंच होने की वजह से ये कंपनियां ऐसे उत्पाद कम कीमतों में उपलब्ध कराने में सफल हैं. चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी शियाओमी ने अप्रैल में भारत में 15000 करोड़ रुपये के निवेश करने की घोषणा की थी. ओप्पो उत्तर प्रदेश में विनिर्माण इकाई स्थापित कर रही है. वीवो ने अपने प्लांट में 5,000 लोगों की भर्तियां की हैं. चीनी ब्रांड से मुख्य मुकाबला सैमसंग का है.
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बजट वाली कंपनियों के रूप में है पहचान
भारत में सस्ते फोन उपलब्ध कराने वाली चीनी मोबाइल कंपनियों ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है. शियाओमी ने 6000-13000 रुपये, ओप्पो और वीवो ने 10000-22000 रुपये और ऑनर ने 8000-12000 रुपये के मोबाइल फोन वाली कंपनियों के रूप में अपनी पहचान बनी चुकी है. कुल मोबाइल फोन बाजार में कीमतों का यह दायरा करीब 80 प्रतिशत है.
01:09 PM IST