6 अप्रैल को आएगा महासंकट, बंद हो सकता है पूरी दुनिया का GPS सिस्टम
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के बिना आज जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती. चाहें रेल इक्वारी हो या गूगल मैप का इस्तेमाल, जीपीएस हमारी रोजमर्रे की जिंदगी का हिस्सा बन गया है.
जीपीएस रोलओवर के समाधान के लिए तकनीकी विशेषज्ञ दिन-रात काम कर रहे हैं (फोटो- PIxabay)
जीपीएस रोलओवर के समाधान के लिए तकनीकी विशेषज्ञ दिन-रात काम कर रहे हैं (फोटो- PIxabay)
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के बिना आज जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती. चाहें रेल इक्वारी हो या गूगल मैप का इस्तेमाल, जीपीएस हमारी रोजमर्रे की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. लेकिन जीपीएस सिस्टम 6 अप्रैल से काम करना बंद कर सकता है. पूरा दुनिया के टेक्निकल एक्सपर्ट और नेटवर्क ऑपरेटर इस समस्या के समाधान में दिन रात लगे हैं.
ईएएसए सेफ्टी इन्फॉरमेशन बुलटेन के मुताबिक 6 अप्रैल से जीपीएस रिसीवर का नेविगेशन डेटा गलत आने लगेगा और ये जीपीएस के 'वीक नंबर' रोलओवर इवेंट को रीसेट करने के बाद ही होगा. यदि इस तारीख तक प्रभावित जीपीएस डेटा रिसीवर को रिसेट नहीं किया गया तो नेविगेशन सॉल्युशन के लिए जिस टाइम डेटा का इस्तेमाल किया जाता है वो गलत हो जाएगा. ईएएसए ने कहा है कि जीपीएस टाइम में एक नैनो सेकेंड की गलती भी जीपीएस डेटा में एक फुट के बराबर हो सकती है.
जीपीएस वीकली नंबर का वैध दायरा शून्य से 1023 सप्ताह तक है. 6 अप्रैल 2019 से 2024वां सप्ताह शुरू हो जाएगा, जिसके चलते ये गड़बड़ी शुरू होगी. ऐसे में जीपीएस सिस्टम में ये इसका पहला सप्ताह हो जाएगा और सिस्टम 6 अप्रैल 2019 को 21 अगस्त 1999 मानने लगेगा, जब जीपीएस रोलओवर किया गया था. यह समस्या 21 अगस्त 1999 में भी आई थी, हालांकि तब जीपीएस का इतने व्यापक रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता था. आज उद्योग, सरकार और आम लोग बड़े पैमाने पर जीपीएस का इस्तेमाल करते हैं.
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दुनिया भर के तकनीकी विशेषज्ञ इसके समाधान में जुटे हैं. ये समस्या बहुत बड़ी है क्योंकि इससे एक साथ पूरी दुनिया का जीपीएस सिस्टम प्रभावित होगा. स्मार्ट फोन आने के बाद से हर व्यक्ति के जीवन में जीपीएस सिस्टम का महत्व बढ़ गया है. मैपिंग, सर्वे, कार चोरी रोकने, रेलवे और माइनिंग में जीपीएस का महत्व बहुत अधिक है.
06:19 PM IST