UPI और मोबाइल वालेट से भी रिचार्ज होगा FASTag, RBI ने दी इजाजत
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा है कि विभिन्न बिक्री केंद्रों (Point of sale) से लगभग 1.15 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम (FASTag) जारी हो चुके हैं.
NHAI ने देश के 523 टोल प्लाजाओं पर 15 दिसंबर से FASTag के माध्यम से टोल लेना शुरू किया है. (Dna)
NHAI ने देश के 523 टोल प्लाजाओं पर 15 दिसंबर से FASTag के माध्यम से टोल लेना शुरू किया है. (Dna)
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा है कि विभिन्न बिक्री केंद्रों (Point of sale) से लगभग 1.15 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम (FASTag) जारी हो चुके हैं. NHAI के मुताबिक, 1 लाख से ज्यादा फास्टैग्स रोजाना जारी किए जा रहे हैं. NHAI ने एक बयान में कहा कि FASTag से प्रतिदिन 30 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन से टोल (Toll) कलेक्शन 52 करोड़ रुपये को पार कर चुका है. आपको बता दें कि NHAI ने देश के 523 टोल प्लाजाओं पर 15 दिसंबर से FASTag के माध्यम से टोल लेना शुरू किया है.
इसके साथ ही केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने FASTag को रिचार्ज कराने के नियम में ढील दी है. RBI ने कहा कि कस्टमर्स के लिए पेमेंट के ज्यादा विकल्प देकर इस सिस्टम का दायरा बढ़ाने के लिए सभी ऑथराइज्ड पेमेंट सिस्टम को अब FASTag से लिंकिंग की इजाजत होगी.
कुछ दिनों पहले भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने ग्राहकों को NETC FASTag को भीम UPI से रिचार्ज करने का विकल्प उपलब्ध कराया. NPCI ने कहा कि भीम UPI आधारित मोबाइल ऐप के जरिए वाहन मालिक रास्ते में चलते-चलते भी अपने फास्टैग को रिचार्ज कर सकेंगे और उन्हें टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी.
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NPCI ने कहा कि इस सुविधा से भीम यूपीआई आधारित मोबाइल ऐप के जरिये वाहन मालिक रास्ते में चलते-चलते भी अपने फास्टैग को रिचार्ज कर सकेंगे. उन्हें टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) को भारतीय बाजार की इलेक्ट्रॉनिक टोल की जरूरत को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है.
NHAI के मुताबिक, विभिन्न बिक्री केंद्रों (पीओएस) के जरिये अब तक करीब 1.10 करोड़ फास्टैग जारी किए गए हैं. राजमार्ग प्राधिकरण रोज करीब डेढ़ से दो लाख फास्टैग की बिक्री देख रहा है. फास्टैग की बिक्री और इस्तेमाल बढ़ने से रोजाना टोल प्लाजा पर टैक्स कलेक्शन करीब 46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. फास्टैग व्यवस्था शुरू होने के आठ दिन के भीतर ही फास्टैग से रोजाना आधार पर टोल लेनदेन की संख्या करीब 24 लाख पर पहुंच गई है.
क्या है Fastag
फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की एक तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है. इस टैग को गाड़ी के सामने वाले शीशे (विंडस्क्रीन) पर लगाया जाता है. गाड़ी जैसे ही टोल नाके के पास आती है, तो सेंसर फास्टैग को ट्रैक कर लेता है. इसके बाद आपके फास्टैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला टैक्स कट जाता है.
इस तरह आप टोल प्लाजा पर रुके बिना ही टैक्स का भुगतान कर पाते हैं. वाहन में लगा यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना काम शुरू कर देगा. वहीं, जब आपके फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा.
05:01 PM IST