फेसबुक के सह-संस्थापक ने कंपनी की डिजिटल करेंसी पर उठाए सवाल, 'लिब्रा' को भयावह बताया
फेसबुक के सह-संस्थापक और सोशल नेटवर्किंग की दिग्गज कंपनी को तोड़ने की बात कह चुके क्रिस ह्यूजेस ने कंपनी की नई डिजिटल मुद्रा लिब्रा को 'भयावह' करार दिया.
फेसबुक ने पिछले हफ्ते लिब्रा नाम से डिजिटल करेंसी पेश करने की घोषणा की है (फोटो- रायटर्स).
फेसबुक ने पिछले हफ्ते लिब्रा नाम से डिजिटल करेंसी पेश करने की घोषणा की है (फोटो- रायटर्स).
फेसबुक के सह-संस्थापक और सोशल नेटवर्किंग की दिग्गज कंपनी को तोड़ने की बात कह चुके क्रिस ह्यूजेस ने कंपनी की नई डिजिटल मुद्रा लिब्रा को 'भयावह' करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया कि लिब्रा को सफल होने से पहले एक लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन सिद्धांत रूप में यह 'शानदार और भयावह' है. ह्यूजेस ने कहा, "समस्या यह होगी कि ये फेसबुक की कॉर्पोरेट शक्ति को मजबूत करेगा."
फेसबुक का दावा है कि लिब्रा की मदद से कारोबार जगत से लेकर आम आदमी तक, सभी आसान और सुरक्षित तरीके से पैसे का लेनदेन कर सकते हैं. इसके लिए न तो बैंक की जरूरत होगी और न ही बिचौलियों की. फिलहाल विदेश में पैसा भेजने पर औसतन सात फीसदी रकम बैंक और बिचौलिये के रूप में काम करने वाली कंपनियां सर्विस चार्ज के नाम पर ले जाती हैं. सर्विस चार्ज का यह धंधा तकरीब 50 अरब डॉलर का है.
क्रिस ह्यूजेस की आपत्ति
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क्रिस ह्यूजेस ने अपने ट्वीट में कहा, "केंद्रीय बैंकों और व्यक्तियों के बीच मौद्रिक नियंत्रण का एक नया दौर, जिसकी मध्यस्थता कॉरपोरेशन करेंगे. अब मुझे लगता है कि समस्या अलग है और ज्यादा बड़ी है." उन्होंने आगे ट्वीट किया, "लिब्रा का समर्थन कर रहे लोग इसे 'विकेंद्रीकरण' कह रहे हैं, लेकिन वास्तव में इसके चलते विकासशील देशों के केंद्रीय बैंकों के पास ताकत खत्म हो जाएगी और ये मल्टीनेशनल कॉरपोरेशंस तथा बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों के पास चली जाएगी."
इससे पहले, द फाइनेंशियल टाइम्स में एक राय देते हुए ह्यूजेस ने कहा, "अगर यह मामूली रूप से भी सफल होता है तो लिब्रा केंद्रीय बैंकों से मौद्रिक नीति का बहुत सारा नियंत्रण इन निजी कंपनियों को सौंप देगा, जिसमें वीजा, उबर और वोडाफोन भी शामिल हैं." उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वैश्विक नियामक अभी कार्य नहीं करते हैं, तो बहुत देर हो जाएगी.
क्या है डिजिटल करेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी होती है, जो सुरक्षा के क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग करती है और सामान्यत: ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित होती है. बिटकॉयन दुनिया में सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है. क्रिप्टोकरेंसी का मनी लांड्रिंग में दुरुपयोग होने की आशंका को देखते हुए भारत में विभिन्न सरकारी निकायों जैसे आयकर विभाग और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर सीमा शुल्क विभाग (सीबीआईसी) ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है.
08:03 AM IST