सावधान! इस कंपनी की सलाह पर बाजार में लगा रहे थे पैसे? SEBI ने रद्द किया रजिस्ट्रेशन, जानिए क्यों
SEBI Cancels Registration News: ये कंपनी अपने क्लाइंट्स को सिक्योरिटी मार्केट से एश्योर्ड रिटर्न देने का दावा कर रही थी. इस तरह ये कंपनी अपने ग्राहकों और निवेशकों को भ्रामक तरीके से बाजार में पैसा लगाने की सलाह दे रही थी.
SEBI Cancels Registration News: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने Capvision Investment Advisor के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है. बता दें कि ये कंपनी अपने क्लाइंट्स को सिक्योरिटी मार्केट से एश्योर्ड रिटर्न देने का दावा कर रही थी. इस तरह ये कंपनी अपने ग्राहकों और निवेशकों को भ्रामक तरीके से बाजार में पैसा लगाने की सलाह दे रही थी. बता दें कि साल 2014 में ये कंपनी कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के साथ इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के तौर पर रजिस्टर हुई थी. ये एक पार्टनरशिप फर्म है. प्रकाश मिश्रा और रेखा मिश्रा इस कंपनी के पार्टनर हैं.
गलत तरीके से दे रही थी निवेश की सलाह
सेबी ने अपने आदेश में पाया कि Capvision Investment Advisor कंपनी अनुचित और भ्रामक गतिविधियों में ग्राहकों से तीसरे पक्ष के बैंक खातों में पेमेंट ले रही थी. इसके अलावा, कंपनी ने अपने ग्राहकों के लिए रिप्रेजेंटेशन तैयार की थी. जिसमें कंपनी एश्योर्ड रिटर्न देने का वादा कर रही थी और इस तरह अपने ग्राहकों के प्रति एक प्रत्ययी क्षमता में कार्य करने की अपनी जिम्मेदारी में विफल रही.
भ्रामक तरीके से ज्यादा रिटर्न का दावा
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
सेबी ने अपने आदेश में पाया कि इस तरह की गतिविधि इन्वेस्टमेंट एडवाइजर (IA) नियमों के तहत दिए गए कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है. इसके अलावा सेबी ने ये भी कहा कि सिक्योरिटी मार्केट में एश्योर्ड प्रॉफिट का दावा करना एक तरह से भ्रामक दावा करने जैसा है और निवेशकों को गुमराह करने का तरीका है.
ये भी पढ़ें: निवेशकों के लिए राहत! सेबी ने डीमैट अकाउंट नॉमिनी की समयसीमा 6 महीने बढ़ाई; देखें कैसे, कब तक करा सकेंगे नॉमिनेशन
सेबी ने अपने आदेश में बताया कि कंपनी की ओर से इस तरह का दावा करना गलत है क्योंकि इस तरह के दावों से निवेशकों को गलत सलाह मिलती है और ये PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) रेगुलेशन के तहत फ्रॉड की कैटेगरी में आता है.
इसके पहले भी कंपनी के खिलाफ 2 आदेश जारी
बता दें कि इससे पहले भी कंपनी के खिलाफ 2 न्यायिक आदेश जारी किए गए थे. इसके तहत कंपनी पर 75 लाख और 8 लाख रुपए की राशि का जुर्माना लगाया गया था. इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के नियमों का उल्लंघन करने के लिए कंपनी के खिलाफ ये आदेश जारी किए गए थे. हालांकि कंपनी ने अभी तक ये जु्र्माना चुकाया नहीं है.
इसे देखते हुए सेबी ने साल 2017 और 2018 में रिकवरी प्रोसिडिंग्स शुरू की थी और कंपनी के बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया था. इसके बाद पार्टनर नंबर-1 रवि प्रकाश मिश्रा, जो कंपनी के मुख्य प्रॉपराइटर हैं, इन्होंने पी चौरासिया को नया बैंक अकाउंट खोलने के लिए कहा. इस बैंक अकाउंट को क्लाइंट से मिलने वाले पैसे की रिसीट देने के लिए शुरू किया गया था.
इस तरह से कंपनी ने किया फ्रॉड
ये बैंक चौरासिया के नाम खोले गए थे. क्लाइंट्स से मिलने वाले पेमेंट्स दूसरी कंपनी जिसका नाम Capvision Investment Advisor Ltd (CIAL) था में आते थे. इस कंपनी के ओरिजनल डायेक्टर में रवि प्रकाश मिश्रा और रेखा मिश्रा थे, जो साल 2019 में चौरसिया और दूसरों के जरिए बदले गए.
सेबी की चीफ जनरल मैनेजर गीता जी ने कहा कि ये पूरा मामला एक फ्रॉड है. उन्होंने आगे कहा कि मैंने ये भी पाया कि रवि प्रकाश मिश्रा और रेखा मिश्रा ने अपने क्लाइंट्स के हितों में कोई काम नहीं किया और इस तरह ये PFUTP Regulations का उल्लंघन करता है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
06:11 PM IST