Insider Trading: सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले फर्जी अकाउंट पर कसा शिकंजा, अब नहीं बचेंगे दोषी
हाल के महीनों में इनसाइडर ट्रेडिंग से संबंधित मामलों पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कई आदेश जारी किए हैं. रेग्युलेटर अब मुख्य दोषियों को पकड़ने की प्रक्रिया में है, जिनमें से कई पूंजी बाजार और कॉरपोरेट जगत के बड़े नाम हो सकते हैं.
सेबी की निगरानी लगभग 100 गुना अधिक प्रभावी हो गई है. (Reuters)
सेबी की निगरानी लगभग 100 गुना अधिक प्रभावी हो गई है. (Reuters)
मार्केट रेग्युलेटर सेबी (Sebi) ने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद से बड़ी संख्या में भेदिया कारोबार (Insider Trading) के मामलों का खुलासा किया है. ऐसे मामलों में फर्जी खातों (mule accounts) का इस्तेमाल किया जा रहा है. शीर्ष सूत्रों ने बताया कि नियामक अब मुख्य दोषियों को पकड़ने की प्रक्रिया में है, जिनमें से कई पूंजी बाजार और कॉरपोरेट जगत के बड़े नाम हो सकते हैं. हाल के महीनों में इनसाइडर ट्रेडिंग से संबंधित मामलों पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कई आदेश जारी किए हैं. इसके लिए कुछ लोगों ने कोविड-19 महामारी में वर्क फ्रॉम होम के दौरान बाजार मध्यवर्तियों मसलन ब्रोकरों और म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) द्वारा निगरानी के मोर्चे पर कथित चूक को जिम्मेदार ठहराया है.
100 गुना अधिर प्रभावी हुई निगरानी
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि ज्यादातर आदेश बेहद कम समय में पारित किए गए, और इसका मुख्य कारण सेबी द्वारा निगरानी तंत्र में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल है. ऐसे में सेबी की निगरानी लगभग 100 गुना अधिक प्रभावी हो गई है. एक सूत्र ने समझाया, हम हाई टेक्नोलॉजी वाले एल्गोरिदम, आर्टिफिशियल एंटेलिजेंस, बिग डेटा और बहुत कुछ का उपयोग कर रहे हैं. इसके अलावा, हम अब सभी डेटा सेट का अधिक कुशलता से और बहुत तेज गति से विश्लेषण कर सकते हैं. हम डेटा विश्लेषण से बहुत स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि भेदिया कारोबार हो रहा है या नहीं, लेकिन अब भी अपराधियों का दोष साबित करने में वक्त लग रहा है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
ऐसे हो रही है धोखाधड़ी
एक अन्य सूत्र ने कहा, समस्या यह है कि धोखेबाज भी नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं. वे सामान्य फोन कॉल और संदेशों का उपयोग नहीं कर रहे हैं, क्योंकि कॉल डेटा के रिकॉर्ड से आसानी से संबंध स्थापित किए जा सकते हैं. वे सभी सॉफिस्टिकेटेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं, जो पूरी तरह से एनक्रिप्टेड हैं और इसलिए हमें संबंध स्थापित करने के अन्य तरीकों पर विचार करना होगा. सभी सूत्रों और अधिकारियों ने जांच से जुड़ी गोपनीयता का हवाला देते हुए नाम न छापने की शर्त पर ये बातें कहीं.
सूत्र ने कहा, फर्जी खातों का उपयोग हमेशा से होता रहा है और वे अब बहुत होशियार हो गए हैं. लेकिन, जो बदलाव आया है, वह यह कि अब हम उन्हें पकड़ने की बेहतर स्थिति में हैं और इसलिए आप मामलों में वृद्धि देख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अब चुनौती दोषियों को इन मामलों से जोड़ने की है और उसके लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं.
04:48 PM IST