Karvy स्टॉक ब्रोकिंग मामले पर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दिया यह जवाब, जानें यहां
कार्वी एक शेयर ब्रोकिंग फर्म है, जिस पर आरोप है कि उसने निवेशकों के शेयरों को अपने डीमैट खाते में ट्रांसफर कर लिया.
कार्वी मामले पर RBI का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. इस मामले में जो भी फैसला लिया जाएगा, उसके बारे में सभी को अवगत करा दिया जाएगा.
कार्वी मामले पर RBI का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. इस मामले में जो भी फैसला लिया जाएगा, उसके बारे में सभी को अवगत करा दिया जाएगा.
Karvy Stock Broking: आज गुरुवार को रिजर्व बैंक ने अपनी क्रेडिट पॉलिसी (RBI Credit Policy) का ऐलान किया. शीर्ष बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy) की तीन दिन चली बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने मीडिया के सामने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई मुद्दों पर बात की. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि अभी महंगाई का दौर जारी रहेगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ी बिजनेस ने आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) के सामने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग (Karvy Stock Broking) का मुद्दा उठाया. ज़ी बिजनेस के पत्रकार अनुराग शाह ने सवाल किया, 'कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग मामले में सेबी ने कहा था कि इसमें बैंकों की गलती है और इस पूरे मामले को रिजर्व बैंक के पास भेज दिया गया है. आरबीआई ने इस मामले में कोई निर्णय लिया है?'
इस पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने जवाब दिया, 'कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग का मामला अभी विचाराधीन है. पूरे मामले की जांच चल रही है. इस मामले में जो भी फैसला लिया जाएगा, उसके बारे में सभी को अवगत करा दिया जाएगा. आरबीआई अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है और किसी नतीजे पर पहुंचे से पहले इस विषय पर कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा.'
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
ज़ी बिज़नेस ने #RBICreditPolicy में उठाई कार्वी ब्रोकिंग में फंसे निवेशकों के हक की बात, देखिए क्या बोले #RBI गवर्नर शक्तिकांत दास...#CreditPolicy #MonetaryPolicy #KarvyStockBroking @AnilSinghvi_ @anuragshah710 pic.twitter.com/XLcwRyY8Mp
— Zee Business (@ZeeBusiness) February 6, 2020
क्या है मामला
बता दें कि कार्वी एक शेयर ब्रोकिंग फर्म है, जिस पर आरोप है कि उसने निवेशकों के शेयरों को अपने डीमैट खाते में ट्रांसफर कर लिया. बाद में उन शेयरों को अपना बताकर बैंकों से कर्ज़ ले लिया. जिसे रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी ग्रुप की कंपनी में ट्रांसफर किया. लेकिन, सेबी ने समय रहते निवेशकों के हित में कदम उठाते हुए डिपॉजिटरीज के पास पड़े इन शेयरों को ग्राहकों के खातों में ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया. हालांकि, बाद में बैंकों ने सेबी और एक्सचेंजेज और डिपॉजिटरीज के खिलाफ सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल में केस किया. लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:
सेबी (SEBI) के मुताबिक कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने 90 हज़ार निवेशकों के करीब 2300 करोड़ रुपए वैल्यू के शेयर निजी डीमैट में ट्रांसफर कर लिया था. इसके लिए निवेशकों के पावर ऑफ अटॉर्नी का गलत इस्तेमाल किया गया था.
इस मामले को ज़ी बिजनेस समय-समय पर उठाता रहा है.
06:44 PM IST