Editor's Take: ब्याज दरों में कितना इजाफा करेगा FED, अनिल सिंघवी ने बताया निवेश का सही समय वाला फॉर्मूला
Editor's Take: महंगाई को काबू करने के लिए देश के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं. इसका असर शेयर बाजार में भी देखने को मिल रहा है. अनिल सिंघवी ने बताया कि इस दौरान कौन सा फॉर्मूला निवेशकों के काम आ सकता है.
Editor's Take: अमेरिका में महंगाई दर 40 सालों के उच्चतम स्तर पर है. ऐसे में अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई को काबू करने के लिए एक बार फिर ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. अमेरिका में महंगाई के आंकड़ों से कोई राहत देखने को नहीं मिल रही है. इस पर ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी का कहना है कि अलग-अलग देश के केंद्रीय बैंकों की ओर से महंगाई को काबू करने के लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन इसका खासा असर अभी तक नहीं देखने को मिल रहा है. भारत में महंगाई दर काफी ज्यादा है. अमेरिका में महंगाई दर घट नहीं रही है, इसके अलावा यूके और यूरोपियन देशो में भी महंगाई काफी ज्यादा है और महंगाई को काबू करने के लिए हर देश अपने यहां ब्याज दरों को बढ़ा रहा है.
ब्याज दरें बढ़ती रहेंगी
अनिल सिंघवी ने कहा कि जबतक महंगाई को काबू करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के नतीजे नहीं देखने को मिलेंगे, तब तक केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को बढ़ाते रहेंगे. महंगाई को देखते हुए अमेरिका अब आधे फीसदी की जगह 75 बेसिस प्वाइंट के साथ ब्याज दरों को बढ़ा रहा है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) October 14, 2022
FED अब कितनी बढ़ाएगा ब्याज दरें?💸
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ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर महीने में यूएस फेड 75 बेसिस प्वाइंट के साथ ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा. हालांकि 98 फीसदी एनालिस्ट का अनुमान है कि अमेरिकी फेड ब्याज दरों में इतनी बढ़ोतरी करेगा.
ऐसे रिकवर हो सकता है बाजार
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अनिल सिंघवी ने आगे कहा कि अब अमेरिका के बाद पहली समस्या यूके के साथ है. अगर यूके अपना Bond Buying Programme ला रहा है तो ये समस्या पैदा कर सकता है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दरें बढ़ाने के बाद क्या यूके के पास इसे रोकने की ताकत है. ऐसे में अगर यूके अमेरिकी ब्याज दरों की परवाह ना करके इसे रोकने की कोशिश करता है तो इससे यूके के बाजारों की मार्केट कैप पर असर पड़ेगा और इसका असर दूसरे देशों के शेयर बाजारों की मार्केट कैप पर भी पड़ेगा.
अनिल सिंघवी आगे कहते हैं कि अमेरिकी ब्याज दरों को देखकर यूके अपना मन बदल ले और हफ्ते दो हफ्ते के लिए Bond Buying Programme को रोक दे तो वहां से मार्केट में रिकवरी देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा कि यूके के पास कोई और विकल्प नहीं है, उसे यही करना पड़ेगा.
निवेश का सही समय वाला 'फॉर्मूला'
अनिल सिंघवी ने बताया कि मौजूदा समय में बाजार थोड़े रिकवर हो चुके हैं और इस दौरान एक फॉर्मूला उन्होंने निवेशकों को बताया कि आगे चलकर बाजार में क्या स्ट्रैटेजी अपनानी है. उन्होंने कहा कि एक फॉर्मूला तो तय है कि बाजार में मंदी है तो लेना ही लेना है और तेजी या उछाल आ जाए वहां पर देना है ताकि दोबारा खरीदा जा सके. इस फॉर्मूले को कभी नहीं भूलना है. अनिल सिंघवी ने कहा कि इस समय लेने का बाजार है और धीरे-धीरे लेना है.
11:05 AM IST