Shark Tank India-3: सिर्फ ₹5000 से शुरू किया Startup, खड़ा कर दिया 8 करोड़ का Business, अनुपम और विनीता ने दी पहली Funding
दीक्षा ने इस स्टार्टअप की शुरुआत सिर्फ 5 हजार रुपये से एक गत्ते के डिब्बे से की थी, लेकिन आज उनका टर्नओवर 2 करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुका है. वहीं अनुपम मित्तल और विनीता सिंह ने शार्क टैंक में 8 करोड़ रुपये की वैल्युएशन पर फंडिंग दी है.
शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन (Shark Tank India-3) में आर्टीफीशियल जूलरी का एक स्टार्टअप (Startup) आया, जिसके बिजनेस से सभी शार्क प्रभावित हुए. यह स्टार्टअप हैंडमेड जूलरी बनाता है, जिसमें फैब्रिक जूलरी भी होती हैं. इस स्टार्टअप का नाम है ए लिटिल एक्स्ट्रा (A Little Extra), यानी थोड़ा सा ज्यादा. इसकी शुरुआत अगस्त 2020 में मारवाड़ी परिवार से आने वाली दीक्षा सिंघी (Diksha Singhi) ने की है. वैसे तो दीक्षा गुवाहटी की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले काफी सालों से वह दिल्ली में ही रह रही हैं और दिल्ली से ही उन्होंने पढ़ाई की है.
सिर्फ 5 हजार रुपये और गत्ते के डिब्बे से की थी शुरुआत
दीक्षा ने इस स्टार्टअप की शुरुआत सिर्फ 5 हजार रुपये से एक गत्ते के डिब्बे से की थी, लेकिन आज उनका टर्नओवर 2 करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुका है. वहीं अनुपम मित्तल और विनीता सिंह ने शार्क टैंक में 8 करोड़ रुपये की वैल्युएशन पर फंडिंग दी है. दिल्ली से ही दीक्षा ने जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में बीए किया है. उन्होंने पिछले करीब साढ़े तीन सालों में 80 हजार से भी अधिक ऑर्डर प्रोसेस किए हैं. मारवाड़ी परिवार से आने वाली दीक्षा हमेशा से ही बिजनेस से जुड़ी रहीं, जो उनके डीएनए में था. दीक्षा बताती हैं कि जब वह परिवार के साथ किसी रेस्टोरेंट में खाना भी खाने जाती हैं तो वहां पर सभी खाने से ज्यादा इस बात पर चर्चा करते हैं कि इसका प्रॉफिट-लॉस क्या होगा, बिजनेस क्या होगा.
कहां से आया ए लिटिल एक्स्ट्रा का आइडिया?
दीक्षा कहती हैं कि वह बचपन से ही एक्स्ट्रा साइज रही हैं. उन्हें अपने साइज के हिसाब से आज तो कपड़े आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन बचपन में उनके पास विकल्प बहुत कम थे. ऐसे में वह अपने लुक को बेहतर बनाने के लिए आर्टीफीशियल जूलरी की मदद लेती थीं. वह जहां भी घूमने जाती थीं, वहां से ढेर सारी जूलरी खरीद कर ले आती थीं. कोविड से पहले दीक्षा एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी चलाती थीं, लेकिन उसमें मजा नहीं आ रहा था तो वह बिजनेस बंद कर दिया.
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कोविड के दौरान वह फ्रीलांसिंग कर रही थीं और इसी दौरान उन्हें आर्टीफीशियल जूलरी का ये खास बिजनेस शुरू करने का आइडिया आया. दीक्षा ने अपने बिजनेस की शुरुआत करने के लिए कुछ कारीगरों को ढूंढा. कोविड में कारीगर छोटी क्वांटिटी में भी डील करने को रेडी हो गए, जो पहले ऐसा नहीं करते थे. शुरुआत में उन्होंने 1-2 कारीगरों के कुछ डिजाइन के साथ बिजनेस शुरू किया, जो धीरे-धीरे बढ़ता चला गया.
सेलेब्रिटीज भी पहनते हैं इनकी जूलरी
दीक्षा की जूलरी इमोशन दिखाने वाली होती हैं. जैसे देशभक्ति के लिए तिरंगे वाली जूलरी, पूजा-पाठ के लिए देवी-देवताओं की जूलरी, हॉटनेस दिखाने के लिए आग वाली जूलरी, पहाड़ों या बीच पर घूमने जा रहे हैं तो उससे जुड़ी जूलरी और ऑफिस के लिए सिंपल जूलरी. इनकी कीमत 100 रुपये से शुरू होकर 700 रुपये तक जाती है. कंपनी का एवरेज वैल्यू ऑर्डर करीब 450 रुपये है. दीक्षा बताती हैं कि उनकी जूलरी हुमा कुरैशी और सनी लियोनी जैसी फिल्म अभिनेत्रियां भी की मौकों पर पहन चुकी हैं. वहीं कुशा कपिला, प्रियंका चाहर, अंकिता लोखंडे, ईशा मालवीय जैसे जाने-माने सेलेब्रिटीज ने भी उनकी जूलरी पहनी हैं.
इंस्टाग्राम से आता है तगड़ा बिजनेस
लोग ना सिर्फ अपने लिए जूलरी खरीदते हैं, बल्कि गिफ्टिंग के लिए भी जूलरी लेते हैं. ए लिटिल एक्स्ट्रा के इंस्टाग्राम पर 2 लाख से भी अधिक फॉलोअर हैं और उन्हीं की मदद से दीक्षा लोगों से जुड़ी रहती हैं. उस पर वह बहुत सारे वीडियो डालती हैं, जो लोगों को पसंद आते हैं और वहीं से उनकी सेल बढ़ती है. दीक्षा बताती हैं कि वह किसी मॉडल को हायर नहीं करती हैं, बल्कि खुद ईयरिंग पहनती हैं, अपने कलीग्स को पहनाता हीं और यहां तक कि अपनी मम्मी को भी पहनाती हैं.
चुनौतियां भी कम नहीं
दीक्षा को अपने बिजनेस में सबसे बड़ी चुनौती यही लगती है कि इसे आसानी से कॉपी किया जा सकता है. यह बिजनेस हैंडमेड जूलरी का है और अलग-अलग कारीगरों से सामान लाया जाता है. इस तरह कोई और भी इस बिजनेस में घुस सकता है या डिजाइन कॉपी कर सकता है.
फ्यूचर का क्या है प्लान?
भविष्य में सबसे पहले तो दीक्षा अपने बिजनेस को तमाम ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लिस्ट करना चाहती हैं, क्योंकि अभी तक वह उन पर लिस्टेड नहीं हैं. अभी तक वह सारा बिजनेस इंस्टाग्राम के जरिए ही कर रही हैं. साथ ही वह कुछ पॉप पर स्टोर भी शुरू करना चाहती हैं, जिनके जरिए ऑफलाइन सेल बढ़ाई जा सके. वह तमाम फेस्ट, एग्जिबिशन और कुछ स्टोर से जुड़कर ऑफलाइन मौजूदगी बढ़ाना चाहती हैं. इतना ही नहीं, दीक्षा कहती हैं कि वह पॉपुलर टूरिज्म डेस्टिनेशन पर अपनी जूलरी कुछ स्टोर्स के साथ मिलकर बेचना चाहती है, जिसका काम शुरू भी कर दिया है. साथ ही यह स्टार्टअप जल्द ही नो क्वेश्चन आस्क रिटर्न पॉलिसी भी लाना चाहता है, जिसकी सलाह शार्क टैंक में ही मिली है.
शार्क से जो मांगा, उससे ज्यादा मिला
दीक्षा ने अपने स्टार्टअप के लिए शार्क से 8 करोड़ रुपये की वैल्युएशन पर 6 फीसदी इक्विटी के लिए 48 लाख रुपये की मांग की थी. हालांकि, अंत में उन्होंने अनुपम मित्तल और विनीता सिंह का ऑफर स्वीकार किया. उन्होंने इस स्टार्टअप में 7.5 फीसदी इक्विटी लेकर 60 लाख रुपये का निवेश किया, यानी वैल्युएशन 8 करोड़ रुपये ही रही. इस बिजनेस को दीक्षा अकेले ही चलाती हैं और अभी तक 100 फीसदी इक्विटी उन्हीं के पास थी. इस तरह इस बूटस्ट्रैप्ड कंपनी ने पहली बार कोई फंडिंग उठाई है.
12:25 PM IST