'शिल्पशाला' से हैंडीक्राफ्ट उद्योग को मिलेगा नया मुकाम, नौजवानों को रोजगार के बेहतर मौके
राजस्थान से 3700 करोड़ के हस्तशिल्प का निर्यात होता है. तीन साल पहले जयपुर को इंटरनेशनल क्राफ्ट सिटी का दर्जा दिया गया था. राजस्थान में शिल्प से जुड़ी ऐसी कई कलाएं हैं जो अब लुप्त होने के कगार पर हैं.
हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार ने 'शिल्पशाला' नाम से एक नई पहल की है. (फोटो-Zee News)
हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार ने 'शिल्पशाला' नाम से एक नई पहल की है. (फोटो-Zee News)
राजस्थान में शिल्प की अनूठी और संस्कारित परंपरा रही है और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में सहयोगी हाथ उद्योग विभाग ने बढ़ाए हैं. उद्योग आयुक्त डॉ. केके पाठक ने सोमवार को भारतीय शिल्प संस्थान और उद्यम प्रोत्साहन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय 'शिल्पशाला' का उद्घाटन किया. झालाना स्थित भारतीय शिल्प संस्थान परिसर में प्रदेश के नामचीन शिल्प गुरुओं और 150 से अधिक प्रशिक्षार्थियों की मौजूदगी रही. इस मौके पर उन्होंने कहा कि परंपरागत शिल्प से नई पीढ़ी को जोड़ने के उद्देश्य से उद्योग विभाग ने शिल्प गुरुओं और आवदेकों को साझा मंच उपलब्ध कराने की पहल की है.
3700 करोड़ के हस्तशिल्प का निर्यात
राजस्थान से 3700 करोड़ के हस्तशिल्प का निर्यात होता है. तीन साल पहले जयपुर को इंटरनेशनल क्राफ्ट सिटी का दर्जा दिया गया था. राजस्थान में शिल्प से जुड़ी ऐसी कई कलाएं हैं जो अब लुप्त होने के कगार पर हैं. इनमें ओढ़नी, जाजम जैसे हस्तशिल्प के लुप्त की आशंका है. विभाग ने इस शिल्पशाला के जरिए जयपुर में पायलट प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया है.
इस 'शिल्पशाला' में सबसे अधिक युवाओं ने हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग में रुचि दिखाई है. लैण्ड स्केप पेंटिंग और ब्लू पॉटरी, मीनाकारी और मिनिएचर पेंटिंग, क्ले पॉटरी, पेपरमैशी, टाई एंड डाई और लाख शिल्प में नौजवानों ने बढ़-चढ़ कर रुचि दिखाई है.
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इन उत्पादों का कौशल
शिल्पशाला में ब्लॉक प्रिंटिंग, बंधेज, टाई एण्ड डाई, दाबू, बगरु, बाडमेरी और अजरख प्रिंट, तारकषी, कुंदन मीनाकारी, टेराकोटा, थेवा कला, मूर्ति कला व पत्थर पर नक्कासी पत्थर के उत्पादों का निर्माण, कोटा डोरिया, बांधनी, गोटा-पत्ती, जयपुरी रजाई, खेस-दरी निर्माण, लाख शिल्प, उस्ता कला, पेंटिंग, मिनिएचर पेंटिंग, ब्लू पॉटरी, क्ले आर्ट, जूतियां व मोजड़ी, हैण्डमेड पेपर बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रदेश के उद्योग महकमे के हैँडीक्राफ्ट, दस्तकारी और शिल्प सौंदर्य को निखारने का यह प्रयास सफल कितना होगा यह तो इस शिल्पशाला से निकले वाले आर्टिजन तय करेंगे, लेकिन यह प्रयास उद्योग विभाग की तरफ से किए जाने का उत्साह एमसएमई सेक्टर को बढ़ावे के रुप में देखने को मिलेगा.
(रिपोर्ट- अंकित तिवाड़ी/ जयपुर)
08:38 AM IST