Byju's Crisis: एक साल में बायजू का दूसरा ऑडिटर हुआ बाहर, गवर्नेंस संबंधी मुद्दों पर जताई नाराजगी
कई मुद्दों से जूझ रही बायजू नए विवाद में फंस गई है, क्योंकि इसके ऑडिटर बीडीओ ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने संकटग्रस्त एडटेक फर्म के साथ कई मुद्दों को उजागर किया है, जिसमें वित्तीय रिपोर्टिंग में देरी और अपर्याप्त प्रबंधन समर्थन शामिल है.
कई मुद्दों से जूझ रही बायजू नए विवाद में फंस गई है, क्योंकि इसके ऑडिटर बीडीओ ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने संकटग्रस्त एडटेक फर्म के साथ कई मुद्दों को उजागर किया है, जिसमें वित्तीय रिपोर्टिंग में देरी और अपर्याप्त प्रबंधन समर्थन शामिल है. पिछले साल बायजू के पूर्व ऑडिटर डेलोइट ने कंपनी में गवर्नेंस संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था.
त्यागपत्र में, बीडीओ की सहायक कंपनी एमएसकेए ने कहा, "वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ऑडिट पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए हमें हमारे द्वारा मांगी गई खाता बही, सूचना और स्पष्टीकरण और पर्याप्त उचित ऑडिट साक्ष्य प्रदान करने में कंपनी के प्रबंधन से अपर्याप्त समर्थन मिला है." बायजू के प्रवक्ता ने बयान देते हुए ऑडिट फर्म द्वारा किए गए अनैतिक अनुरोधों और “उचित प्रक्रियाओं का पालन करने में विफलता” के बारे में गंभीर चिंता जताई.
एडटेक फर्म ने कहा, "कई कॉल रिकॉर्डिंग मौजूद हैं, जिसमें बीडीओ के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट रूप से इन दस्तावेजों को पिछली तारीख में बदलने का सुझाव दिया है, जिसे बायजू ने करने से इनकार कर दिया. बायजू का दृढ़ विश्वास है कि यह उनके इस्तीफे का मुख्य कारण है."
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ कानूनी विवाद के कारण बायजू ने 16 जुलाई, 2024 को दिवालियापन की कार्यवाही में प्रवेश किया. इसके परिणामस्वरूप दिवाला समाधान पेशेवर (आईआरपी) की नियुक्ति की गई, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के बोर्ड को निलंबित कर दिया गया.
एडटेक फर्म के अनुसार, 17 जुलाई को बीडीओ ने बायजू के निलंबित बोर्ड को एक ईमेल भेजा, जिसमें मध्य-पूर्व स्थित एक साझेदार के साथ बायजू द्वारा किए गए पुराने लेनदेन के बारे में कुछ स्पष्टीकरण मांगा गया था.
मध्य-पूर्व साझेदार के साथ लेनदेन के संबंध में एडटेक फर्म ने कहा, "हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि बायजू के निलंबित बोर्ड और प्रबंधन ने, 17 जुलाई को उनके ईमेल से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई समस्या नहीं है, पूरी तरह से पारदर्शी और बीडीओ की निगरानी में फोरेंसिक ऑडिट की व्यवस्था करने का सक्रिय कदम उठाया था."
हालांकि, 16 जुलाई को दिवालियापन कार्यवाही शुरू होने के कारण फोरेंसिक जांच पूरी नहीं हो सकी. बायजू की तरफ से कहा गया कि फोरेंसिक ऑडिट पूरी न हो पाने के लिए निलंबित बोर्ड को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. कंपनी को उम्मीद है कि दिवालियापन संबंधी प्रवेश आदेश को सुप्रीम कोर्ट जल्द ही रद्द कर देगा. कभी 22 बिलियन डॉलर के मूल्य के साथ भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप रहा बायजू इस समय कई विवादों में घिरा हुआ है.
04:25 PM IST