Budget 2023: होम लोन लेने वालों के लिए गुड न्यूज! मिल सकता है ₹5 लाख टैक्स छूट का तोहफा, जानें क्या है अपडेट
रियल्टर्स बॉडी CREDAI ने सरकार से मांग की है कि होम लोन पर टैक्स में छूट की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाए. वर्तमान में होम लोन के इंटरेस्ट रीपेमेंट पर एक वित्त वर्ष में सेक्शन 24बी के तहत 2 लाख का टैक्स डिडक्शन मिलता है. अगर सरकार ऐसा करती है तो होमबायर्स को बड़ी राहत मिलेगी.
Budget 2023 की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. रियल्टर्स बॉडी क्रेडाई (CREDAI) ने सरकार से मांग की है कि Home Loan पर टैक्स में छूट की लिमिट को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया जाए. क्रेडाई का कहना है कि मई 2022 के बाद रेपो रेट में 2.25 फीसदी की भारी बढ़ोतरी की गई है. इसका सीधा असर होम लोन की ईएमआई पर हुआ है. घर खरीदारों को हर महीने हजारों रुपए ज्यादा ईएमआई के रूप में देने पड़ रहे हैं. ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए टैक्स में छूट की लिमिट बढ़ाई जाए. क्रेडाई ने कहा कि मई 2022 तक होम लोन पर इंटरेस्ट रेट 6.5 फीसदी था. अब यह बढ़कर 8.5 फीसदी हो गया है.
30 लाख के होम लोन पर EMI 3600 रुपए बढ़ा
होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर (Home Loan EMI Calculator) के मुताबिक, 20 सालों के लिए 30 लाख के होम लोन पर ईएमआई में 3600 रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी हो गई है. पहले यह ईएमआई 22500 के करीब थी जो अब बढ़कर 26 हजार रुपए हो गई है. क्रेडाई ने कहा कि होम लोन की मासिक किस्त (ईएमआई) में ब्याज दरों की वजह से वृद्धि हुई है. निकाय ने कहा कि होम लोन पर अदा किए जाने वाले ब्याज पर छूट की सीमा को मौजूदा दो लाख रुपए से बढ़ाकर कम से कम पांच लाख करने की जरूरत है.
रियल एस्टेट की मांग को मिलेगी मजबूती
रियल एस्टेट निकाय ने कहा कि इससे मध्यम आय वर्ग के घर मालिकों के पास खर्च करने योग्य अतिरिक्त आय होगी तथा अन्य लोग भी घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे. क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्द्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘हमने यह सिफारिश इस बात को ध्यान में रखकर की है कि क्षेत्र में बनी वृद्धि कायम रहे, मांग में बढ़ोतरी हो तथा घर खरीदारों को छूट मिले.’’ उन्होंने कहा कि प्रमुख ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी करने का निकट भविष्य में आवास मांग पर असर पड़ सकता है.
सेक्शन 24 के तहत 2 लाख तक मिलती है छूट
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इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत होम लोन के भुगतान पर टैक्स में राहत मिलती है. EMI में दो हिस्सा होता है. एक हिस्सा इंटरेस्ट का और दूसरा मूलधन का होता है. इंटरेस्ट वाले हिस्से पर एक वित्त वर्ष में सेक्शन 24(b) के तहत 2 लाख रुपए की छूट मिलती है. मूलधन वाले हिस्से पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है जिसकी लिमिट 1.5 लाख रुपए है. क्रेडाई ने सेक्शन 24(b) की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख करने की मांग की है.
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(भाषा इनपुट के साथ)
11:27 AM IST