लोगों को आकर्षित कर रही हैं दार्जिलिंग हिमाल्यन रेलवे की ये ट्रेनें, लगाई गई प्रदर्शनी
Written By: विवेक तिवारी
Tue, Feb 04, 2020 04:15 PM IST
भारतीय रेलवे की ट्वाय ट्रेन सेवाएं हमेशा से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही हैं. आजकल असम के Sualkuchi शहर में असम साहित्य सभा (AsomSahityaSabha) में दार्जिलिंग हिमाल्यन रेलवे के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. बच्चे और बड़े सभी दार्जिलिंग हिमाल्यन रेलवे के इतिहास को जानने के लिए काफी आकर्षित हो रहे हैं. यहां लोगों को पता चल रहा है कि किन मुश्किलों के बाद उत्तर पूर्व के इस शहर में ट्रेन चलाई गई.
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न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच ट्वाय ट्रेन चलाई जाती है.
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दार्जिलिंग रेलवे लाइन की कुल लंबाई 78 किलोमीटर है.
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भाप के इंजन से चलती है ये ट्रेन
दार्जिलिंग हिमाल्यन रेलवे (Darjeeling Himalayan Railway) के तहत ट्वाय ट्रेन को चार आधुनिक डीजल इंजनों द्वारा चलाया जाता है. दैनिक कुर्सियांग-दार्जिलिंग वापसी सेवा और दार्जिलिंग से (भारत का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन) के बीच चलने वाली दैनिक ट्रेनों को पुराने ब्रिटिश काल में बनाए गए बी श्रेणी के भाप इंजन, डीएचआर 778 द्वारा चलाया जाता है. इस रेलवे को यूनेस्को द्वारा नीलगिरि पर्वतीय रेल और कालका शिमला रेलवे के साथ भारत की पर्वतीय रेल के रूप में विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. इस रेलवे का मुख्यालय कुर्सियांग शहर में है.
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शिमला जाने वाले रेल यात्रियों को रेलवे ने दिया तोहफा
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने शिमला घूमने जाने वाले यात्रियों के लिए कालका (Kalka) से शिमला (Shimla) के बीच खास हिम दर्शन ट्रेन HIM DARSHAN EXPRESS चलाने का ऐलान किया है. इस ट्रेन में Vistadome coaches (Glass Roof Top) हैं. 25 दिसम्बर को ये ट्रेन पहली बार चलाई गई. पहले ही दिन ही ये ट्रेन 100% भर कर चली. इस ट्रेन में 90 यात्री सवार थे.
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