ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में क्या बिना टिकट यात्रा कर रहे पीड़ितों को भी मिलेगा मुआवजा? जानें क्या है नियम
Odisha Train Accident Compensation: ओडिशा ट्रेन हादसे के वो पीड़ित जो बिना टिकट यात्रा कर रहे थे, क्या उन्हें मुआवजा मिलेगा?
(Source: Reuters)
(Source: Reuters)
Odisha Train Accident Compensation: ओडिशा के बालासोर में हुए भयंकर ट्रेन हादसे में 275 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा 1100 से अधिक लोगों के घायल होने की भी खबर है. घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे और तमाम एजेंसियां राहत और बचाव के कार्यों में जुट गई थी और घटना के 51 घंटे के भीतर ही सिस्टम को बहाल कर लिया गया है. वहीं, रेलवे और पीएम राहत कोष फंड के तहत पीड़ितों के लिए मुआवजे का भी ऐलान कर दिया गया है. हालांकि क्या आपको पता है कि अगर कोई पीड़ित ट्रेन में बिना टिकट सफर कर रहा हो, तो उसके मुआवजा मिलेगा या नहीं. आइए जानते हैं इसे लेकर क्या नियम है.
किन्हें मिलेगा मुआवजा
जिन दो पैसेंजर गाड़ियों की टक्कर हुई हैं, उसमें काफी मात्रा में प्रवासी श्रमिक भी थे. रेलवे प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि अगर कोई पीड़ित बिना टिकट भी है, तो उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि रेलवे का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक है.
कहां मिल रहा है कितना मुआवजा
ओडिशा ट्रेन हादसे का शिकार हुए पीड़ितों के लिए रेलवे ने मुआवजे का ऐलान किया है. इसमें मरने वालों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये का ऐलान किया है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से भी मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये, घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये का ऐलान किया है. पश्चिम बंगाल ने अपने राज्य के पीड़ितों के लिए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके अलावा ओडिशा सरकार ने अपने राज्य से मरने वालों के लिए 5-5 लाख रुपये का ऐलान और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 1-1 लाख रुपये के मुआवजा का ऐलान किया है.
100 से अधिक ट्रेनें हैं कैंसिल
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा हादसे को देखते हुए इस रूट पर 123 ट्रेनों को 3 जून से लकर 7 जून तक के लिए कैंसिल किया हया है. इसके अलावा 56 ट्रेनों को डायवर्ट, 14 ट्रेन को रीशेड्यूल और 10 ट्रेन को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है.
हादसे वाली साइट पर 51 घंटे बाद गुजरी पहली ट्रेन
वहीं दुर्घटना के बाद से ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौके पर मौजूद हैं. हादसे के बाद मालगाड़ी विशाखापट्टनम से राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए रवाना हुई. यह उसी पटरी पर चलाई गई जहां शुक्रवार शाम 7:00 बजे हादसा हुआ था. इसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें ट्रेन रवाना किए जाते समय रेल मंत्री हाथ जोड़ कर प्रार्थना करते नजर आए.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट पर इससे जुड़ा वीडियो शेयर किया है. ट्रेन गुजरते समय वे भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए लोगों को धन्यवाद देते नजर आ रहे हैं.
अप और डाउन लाइन पर ट्रेन सेवाएं शुरू
उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि क्षतिग्रस्त डाउनलाइन पूरी तरह ठीक हो गई है. खंड में पहली ट्रेन रवाना हुई. इसके कुछ देर के बाद उन्होंने बताया कि अप लाइन पर भी ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है.
इधर, सोमवार सुबह दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी बयान जारी किया है. इसमें बताया है कि डाउन लाइन पर पहली ट्रेन रात 10:40 बजे चली जबकि अप लाइन पर पहली ट्रेन रात 12:05 बजे पर चलाई गए है. दोनों ही रेलखंड पर सामान्य रेल यातायात शुरू कर दिया गया है.
सेवाएं बहाल करने के लिए रेलवे के 1,000 से अधिक मजदूरों ने किए अथक प्रयास
इसके लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन सभी को बधाई दी जिन्होंने सेवाओं को बहाल करने के लिए अथक प्रयास किया है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि जांच चल रही है और दुर्घटना के मूल कारण तक जाएंगे. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार शाम दुर्घटना के बाद से ही रेलवे के करीब 1,000 से अधिक मजदूर और इंजीनियर रेल यातायात सामान्य करने के लिए दिन-रात काम कर रहे थे.
लंबी दूरी की ये ट्रेनें गुजरती हैं इस रूट से
ज्ञात हो, हावड़ा-चेन्नई मेल, हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस, हावड़ा-पुडुचेरी एक्सप्रेस, शालीमार-तिरुवनंतपुरम एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनें बहानागा से होकर गुजरती हैं. वहीं अधिकारियों का कहना है कि आज से इस रूट की सभी ट्रेनें सामान्य हो जाएंगी.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
06:36 PM IST