चीन से लोहा लेने में मदद करेगी भारतीय रेलवे, तैयार की यह रणनीति
उत्तर रेलवे ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर - मलाली - लेह रेलमार्ग पर काम करना शुरू कर दिया है. इस रेलमार्ग को बनाने के लिए पहले चरण की स्टडी पूरी हो चुकी है.
उत्तर रेलवे ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लेह तक रेलवे लाइन बिछाने की कार्ययोजना तैयार की (फाइल फोटो)
उत्तर रेलवे ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लेह तक रेलवे लाइन बिछाने की कार्ययोजना तैयार की (फाइल फोटो)
उत्तर रेलवे ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बिलासपुर - मलाली - लेह रेलमार्ग पर काम करना शुरू कर दिया है. इस रेलमार्ग को बनाने के लिए पहले चरण की स्टडी पूरी हो चुकी है. पहले चरण की स्टड़ी के अनुसार इस रेललाइन की कुल लम्बाई लगभग 465 किलोमीटर होगी. वहीं यह रूट सिंगल लाइन ब्रांड गेज लाइन होगी. इस रूट पर 75 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति से रेलगाड़ी को चलाया जा सकेगा. इस रूट पर कुल 30 रेलवे स्टेशन बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. वहीं इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की कुल लागत लगभग 83360 करोड़ रुपये बताई गई है. लेह तक रेलवे लाइन पहुंचने से चीन की सीमा से लगे भरातीय हिस्से में आवश्यक सामानों को पहुंचाना आसान हो जाएगा.
बिलासपुर - लेह रेलवे लाइन के 52 फीसदी हिस्से पर सुरंग से गुजरेगी पटरी
बिलासपुर - मलाली - लेह रेलमार्ग देश का सबसे चुनौतीपूर्ण रेलमार्ग होगा. इस रूट का 52 फीसदी हिस्से में पहाड़ों को काट कर सुरेंगे बना कर वहां पर पटरियां बिछाई जाएंगी. इस रूट की सबसे लम्बी सुरंग लगभग 27 किलोमीटर की होगी. यह रेलमार्ग लगभग 465 किलोमीटर लम्बा है. जबकि इस रेलमार्ग 244 किलोमीटर का हिस्से में सुरंगें बनाई जाएंगी. इस पूरे रेल रूट पर 124 बड़े ब्रिज और 396 छोटे ब्रिज भी होंगे.
शुरू हो चुका है 2 व 3 चरण के टेंडर का काम
उत्तर रेलवे ने लेह तक रेल लाइन पहुंचाने के लिए 2 व 3 चरण के लिए 15 अक्टूबर तक ग्लोबल टेंडर जारी किए थे. दुनिया की गई बड़ी कंपनियों ने इस रेल लाइन को बिछाने में रुचि दिखाई है. इन कंपनियों के टेंडर आ जाने के बाद रेलवे अब इनमें से बेहतरनी कंपनी को चुनने की प्रक्रिया को शुरू करेगा. इस रेल लाइन के 2 चरण में पूरे रूट की सेटेलाइट के जरिए फाइनल अलाइनमेंट लोकेशन स्टडी की जाएगी. वहीं ब्रिजन बनाने व सुरंगों की खुदाई कैसे हो इस की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
11:05 AM IST