2024 तक देश में सिर्फ बिजली से चलेंगी ट्रेनें, डीजल इंजन की होगी छुट्टी
जल्द ही देश में भारतीय रेलवे (Indian Railways) के डीजल इंजन बीते दिनों की बात हो जाएंगे. वर्ष 2024 तक देश में सभी रेलवे लाइनों को इलेक्ट्रिफाइड किए जाने की योजना है. केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने 2024 तक देश में इस्तेमाल किए जा रहे सभी डीजल इंजन (Diesel Engines) हटाने का ऐलान किया है.
देश में रेलवे जल्द ही करेगा डीजल इंजन की छुट्टी (फाइल फोटो)
देश में रेलवे जल्द ही करेगा डीजल इंजन की छुट्टी (फाइल फोटो)
जल्द ही देश में भारतीय रेलवे (Indian Railways) के डीजल इंजन बीते दिनों की बात हो जाएंगे. वर्ष 2024 तक देश में सभी रेलवे लाइनों को इलेक्ट्रिफाइड किए जाने की योजना है. केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने 2024 तक देश में इस्तेमाल किए जा रहे सभी डीजल इंजन (Diesel Engines) हटाने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि 2024 तक रेलवे के पूरे नेटवर्क को इलेक्ट्रिक कर दिया जाएगा. इसका मतलब ये हुआ कि देश के हर रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन (Electric Engines) के जरिए ही ट्रेनें चलाई जाएंगी.
कार्बन उत्सर्जन कम करने का तैयार हुआ प्लान
केंद्र वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक भारतीय रेलवे (Indian Railways) दुनिया का पहला ऐसा रेलवे होगा, जो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगा. साथ ही हम दुनिया के पहले रेल नेटवर्क होंगे, जो 2030 तक कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) से मुक्त होगा और स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) से ट्रेनें चलाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत इस परियोजना में ब्राजील (Brazil) को शामिल करने को लेकर काफी उत्साहित है.
जरूरत पूरी करने को सौर ऊर्जा उत्पादन कर रहा है रेलवे
गोयल ने बताया था कि अगले 3-4 साल में पूरे रेलवे के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है, जिससे यह दुनिया की पहली कार्बन उत्सर्जन मुक्त रेलवे बनेगी. रेलवे अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा (Solar Energy) का उत्पादन भी कर रहा है. उन्होंने बताया था कि सरकार पुराने कोयला संयंत्र को खत्म करने का काम कर रही है. इससे प्रदूषण को खत्म करने में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए रेलवे के विद्युतीकरण पर जोर दे रही है. इसी योजना के तहत अलग-अलग व्यस्त रूट पर डीजल इंजन की संख्या घटाकर इलेक्ट्रिक इंजन बढ़ाए जा रहे हैं.
इस तकनीक से बढ़ाई जा रही है ट्रेनों में सीटें
भारतीय रेलवे (Indian Railways) के दिल्ली मंडल ने 32 जोड़ी प्रीमियम और एक्सप्रेस ट्रेनों को "हेड ऑन जेनरेशन" (HOG) तकनीक के जरिए चलाना शुरू किया है. फिलहाल दिल्ली मंडल में HOG तकनीक के जरिए 11 जोड़ी शताब्दी ट्रेनें और 08 जोड़ी राजधानी ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इसके अलावा दुरंतो की 02 जोड़ी, हमसफर की 01 जोड़ी और 10 एक्सप्रेस ट्रेनों को इस तकनीक के जरिए चलाया जा रहा है.
क्या है HOG तकनीक
फिलहाल जिन ट्रेनों में AC डिब्बे होते हैं उनमें इंजन में बिजली की आपूर्ती ओवर हेड वायर से होती है. इसके अलावा हर डिब्बे की बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए ट्रेन में आगे और पीछे की ओर एक जनरेट कार लगाई जाती है. इसमें बड़ा सा जनरेटर होता है जो डीजल से चलता है. रेलवे की हेड ऑन जनरेशन तकनीक (HOG) के तहत ट्रेन के सभी डिब्बों को बिजली ओवरहेड वायर से मिलती है. वहीं इन जनरेटरों की जगह यात्री डिब्बे लगाए जा सकते हैं जिससे अधिक संख्या में यात्रियों को कन्फर्म सीट मिल जाती है.
फिलहाल जिन ट्रेनों में AC डिब्बे होते हैं उनमें इंजन में बिजली की आपूर्ती ओवर हेड वायर से होती है. इसके अलावा हर डिब्बे की बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए ट्रेन में आगे और पीछे की ओर एक जनरेट कार लगाई जाती है. इसमें बड़ा सा जनरेटर होता है जो डीजल से चलता है. रेलवे की हेड ऑन जनरेशन तकनीक (HOG) के तहत ट्रेन के सभी डिब्बों को बिजली ओवरहेड वायर से मिलती है. वहीं इन जनरेटरों की जगह यात्री डिब्बे लगाए जा सकते हैं जिससे अधिक संख्या में यात्रियों को कन्फर्म सीट मिल जाती है.
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विवेक तिवारी
Updated: Tue, Jan 28, 2020
10:02 AM IST
10:02 AM IST
नई दिल्ली
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