171 साल पहले आज के ही दिन चली थी भारत में पहली ट्रेन, 400 पैसेंजर के साथ इस शहर से भरी थी रफ्तार
Indian Railway First Train: 16 अप्रैल, 1853 की तारीख पर भारत में पहली पैसेंजर ट्रेन को चलाया गया था. आइए जानते हैं कि भारत को उसकी पहली ट्रेन मिलने का पूरा किस्सा.
Indian Railway First Train: आज के समय में भारतीय रेलवे (Indian Railways) दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. हर दिन औसतन 10 हजार से अधिक ट्रेनें देश में चलती हैं, जिसमें करोड़ों लोग रोज सफर करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि देश में पहली ट्रेन (First Indian Train) कब और कहां चली थी. आइए आज आपको बताते हैं भारतीय रेलवे (Indian Railways) के उस गौरवशाली इतिहास के बारे में जिसने आज देश में लोगों के चलने के तरीके को बिल्कुल बदल दिया है और एक शहर से दूसरे शहर जाना बहुत ही आसान बना दिया है.
कैसे हुई देश में ट्रेन की शुरुआत
आपको बता दें कि भारत में ट्रेन की शुरुआत अंग्रेजों के जमाने से ही हो गई है. दरअसल 1832 में पहली बार भारत में ट्रेन चलाने का विचार किया गया था. उस वक्त ब्रिटेन में भी ट्रेन बस शुरू ही हुई थी. अंग्रेजों को पता था कि भारत जैसे विशाल देश में ट्रेन चलाने का उन्हें बहुत फायदा मिलने वाला है. जिसके बाद 1844 में भारत में तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड हार्डिंग इस काम में पूरे जी जान से जुट गएं.
#ThisDayThatYear
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) April 16, 2024
Celebrating 171 illustrious years of Indian Railways!
On 16 April 1853, the 1st passenger train ran from Bori Bunder (Bombay) to Thane, marking the beginning of an incredible journey! 🚉#DownTheMemoryLane pic.twitter.com/PlMm0m2EOv
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इसके बाद भारत में ट्रेन को लाने के लिए अंग्रेजों ने दो कंपनियों 'ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी' और 'ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे' का गठन किया. जिसके बाद देश में रेल का काम और भी तेजी से शुरू हो गया.
कब चली देश में पहली ट्रेन
इन सारे प्रयासों के बाद देश में पहली ट्रेन आज से 171 साल पहले यानि 16 अप्रैल, 1853 में शुरू हुई. देश में पहली ट्रेन तत्कालीन बंबई के बोरीबंदर से लेकर ठाणे के बीच चली थी. ये ट्रेन दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर मुंबई से निकली और 4 बजकर 45 मिनट पर ठाणे पहुंची. करीब 35 किलोमीटर के इस सफर को पूरे करने में इसे 1 घंटा और 10 मिनट का समय लगा.
भारती की इस पहली ट्रेन में 3 इंजन और 14 कोच लगे थे. जिसमें करीब 400 लोगों ने यात्रा की. इस ट्रेन को 21 तोपों की सलामी देकर विदा किया था. 16 अप्रैल, 1853 को अंग्रेजों ने पब्लिक हॉलीडे कर दिया था, जिससे ट्रैक के आसपास ट्रेन को देखने वालों की भीड़ जमा हो गई थी.
11:26 AM IST