बिजनेस करते हैं तो जानें कब GST रजिस्ट्रेशन हो जाता है बेहद जरूरी, समझें इसका सारा प्रोसेस
GST (Goods and Services Tax) को भारत सरकार 2017 में लेकर आई थी. इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल रहते हैं. जो ऑनलाइन जीएसटी फाइल करने से लेकर इसकी रजिस्ट्रेशन लिमिट तक के लिए हो सकते हैं.
GST (Goods and Services Tax) एक ऐसा टैक्स है जो भारत में प्रॅाडक्ट और सर्विस की सप्लाई पर लगता है. GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है. इसको वैराईटी ऑफ प्रीवियस इनडायरेक्ट टैक्स (वैट), सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और पिछले कई इनडायरेक्ट टैक्स को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था. भारत में GST की रजिस्ट्रेशन लिमिट पहले 20 लाख रुपये थी. अब इसको बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है. अब 40 लाख रुपए से ज्यादा के कारोबार वाले सभी व्यवसायों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी है. GST (Goods and Services Tax) 2017 के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उत्तर-पूर्वी राज्यों सहित हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर के लिए टर्नओवर 10 लाख रुपये होना चाहिए. ज्यादातर राज्यों में 20 लाख रुपये से ज्यादा के रेवन्यू वाले रेस्तरां को GST के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है. वहीं स्पेशल कैटेगरी के राज्य में रेस्तरां का एनुअल टोटल रेवन्यू 10 लाख रुपये से ज्यादा है, तब जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसी तरह ये सभी मैन्युफेक्चरर, व्यापारियों और सर्विस प्रोवाइडर पर लागू होता है. GST तब लागू होता है जब किसी बिजनेस का टोटल कारोबार की लिमिट तय लिमिट से ज्यादा हो जाती है. किसी भी बिजनेस के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी है. कोई भी बिजनेस ऑर्गनाइजेशन जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन किए बिना बिजनेस नहीं कर सकता है.
कितने तरह के GST registration होते हैं
GST registration कई तरह के होते हैं. पहला नॅार्मल टैक्सपेयर है जो जीएसटी रजिस्ट्रेशन की स्पेशल कैटेगरी में आता है. ये भारत में बिजनेस करने वाले टैक्सपेयर पर लागू होता है. दूसरी कैटेगरी मे कम्पोजिशन टैकेसपेयर आते हैं. कम्पोजिशन टैक्सपेयर के रूप में रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम के तहत रजिस्ट्रेशन करना चाहिए. इसके साथ ही कैजुअल टैक्सेबल पर्सन और रेसीडेंट टैक्सेबल पर्सन की कैटेगरी भी होती हैं.
कैसे करें ऑनलाइन अप्लाई
GST registration के लिए ऑफिशियल जीएसटी पोर्टल (gst.gov.in) पर जाएं. फिर टैक्सपेयर्स टैब के तहत 'रजिस्टर नाउ' ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद न्यू रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन चुनें. फिर जरुरी डिटेल फिल करें जैसे व्यवसाय का नाम, पैन, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर. कैप्चा दर्ज करें और आगे बढ़ें. अपने मोबाइल नंबर के साथ-साथ ईमेल आईडी पर मिली ओटीपी दर्ज करें. अब पेज आपको Temporary Reference Number (टीआरएन) दिखाएगा. अब दोबारा जीएसटी सर्विस पोर्टल पर जाएं और 'टैक्सपेयर्स' मेन्यू के तहत 'रजिस्टर' पर क्लिक करें. टीआरएन का चयन करें. टीआरएन और कैप्चा दर्ज करें. 'प्रोसीड' पर क्लिक करें और आपको फिर से एक ओटीपी मिलेगा. इस ओटीपी को दर्ज करें और 'प्रॅासीड' पर क्लिक करें. अब आपको अपने जीएसटी रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन एप्लीकेशन की कंडीशन दिखेगी. दायीं ओर आपको एक 'एडिट' आइकन दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें. अब डिटेल भरें और डॅाक्यूमेंट की स्कैन्ड कॅापी को अटेच करें. वैरिफिकेशन वाले पेज पर क्लिक करें, जिसके बाद आपको डिक्लरेशन की जांच करनी होगी. अब अपना डिजिटल सिग्नेचर एड करें. सक्सेस मेसेज स्क्रीन पर दिखाई देगा और आपको एक एप्लीकेशन रेफरेंस नंबर (एआरएन) दिया जाएगा. आप पोर्टल पर एआईएन स्टेटस चेक कर सकते हैं.
कौन से डॅाक्यूमेंट हैं जरुरी
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GST registration के लिए आपके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो के साथ ओनर, प्रमोटरों के एड्रेस और आईडी प्रूफ, बैंक डिटेल, पासबुक, कैंसल चैक, व्यवसाय का सपोर्टिंग एड्रेस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, डिजिटेल सिग्नेचर और ऑथॅाराइजेशन का ऑथॅाराइज्ड सिग्नेटरी लैटर होना जरुरी है.
05:05 PM IST