घर का सपना पूरा करने के लिए होम लोन लेने से पहले जरूर रखें इन 8 बिंदुओं का ध्यान
घर खरीदने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले इस बात पर गौर करें कि आप होम लोन लेने के कितने योग्य हैं.
प्रतीकात्मक फोटो
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हर किसी का सपना होता है, एक घर हो अपना. इसके लिए आप अपनी गाढ़ी कमाई खर्च कर घर खरीदना चाहते हैं. गाढ़ी कमाई के साथ घर या फ्लैट खरीदने में होम लोन काफी मददगार होते हैं. तमाम बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी कंपनियां और अन्य) होम लोन की सुविधा देते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि घर खरीदना एक बड़ा कदम होता है. इसके लिए काफी सोच-विचार और गुना-भाग करना होता है. इसलिए कभी भी होम लोन के लिए अप्लाई करने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइए गौर करते हैं निम्न 8 बिंदुओं पर जो आपके लिए हैं बेहद जरूरी.
1.अपनी योग्यता परखें
जब आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले इस बात पर गौर करें कि आप होम लोन लेने के कितने योग्य हैं. कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान लोन देने से पहले वह आपकी आय और कर्ज के भुगतान करने की क्षमता आंकते हैं. इसके आलावा वह आपकी उम्र, पढ़ाई-लिखाई, वित्तीय स्थिति, आपकी पत्नी की आय, आप पर निर्भर सदस्य और नौकरी की स्थिरता का आकलन करते हैं.
2. पहले घर या कर्ज
यह एक सवाल है जो काफी महत्पूर्ण है. विशेषज्ञों का कहना है कि घर के चुनाव करने से पहले होम लोन को प्री-एप्रूव्ड करा लें. इससे आपको अपना बजट तय करने में मदद मिलेगी और आप घर की खोज उसी दिशा में कर सकेंगे. प्री-एप्रूव्ड लोन करा लेने का एक बड़ा फायदा यह है कि आप किसी अन्य बैंक से होम लोन के लिए मोलभाव कर सकेंगे. इससे आपको सस्ता कर्ज भी मिल सकता है.
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3. कर्ज की राशि
नियामक के द्वारा निर्धारित प्रावधानों के मुताबिक बैंक घर की कीमत की कुल राशि का 75 से 90 प्रतिशत राशि कर्ज के रूप में उपलब्ध कराते हैं. शेष आपको अपना पैसा लगाना होता है. यह अलग-अलग बैंकों पर निर्भर करता है कि आपकी योग्यता के मुताबिक वह कितना प्रतिशत लोन राशि जारी करते हैं. आमतौर पर 80 प्रतिशत तक लोन राशि मिल जाती है.
4. घर की वास्तिवक कीमत में यह भी शामिल
जब आप कोई घर या फ्लैट लेते हैं तो उसकी कीमत के अलावा भी लागत राशि आपको चुकानी होती हैं. इसमें ब्याज का भुगतान, प्रोसेसिंग फीस, प्रशासनिक शुल्क, प्रीपेमेंट पेनाल्टी के रूप में आने वाले खर्च शामिल होते हैं. सही स्थिति में आपका होम लोन शून्य रुपए प्रीपेमेंट पेनाल्टी वाला होना चाहिए. होम लोन में यह ध्यान रखें कि कोई छिपा शुल्क (हिडन चार्ज) न हो.
5. ईएमआई या प्री ईएमआई
ईएमआई यानी मासिक किस्त. यह वह राशि होती है जिसे आप होम लोने के बदले हर महीने चुकाते हैं. इसमें मूलधन और बकाया राशि पर ब्याज शामिल होती है. प्री ईएमआई एक अवधारणा है जिसका इस्तेमाल निर्माणाधीन प्रोपर्टी की स्थिति में होता है.
6. कर्ज की समयावधि
होम लोन को वापस चुकाने की अवधि कितने साल हो, यह एक महत्वपूर्ण विषय है. आमतौर पर होम लोन अधिकतम 30 सालों के लिए उपलब्ध होते हैं. अगर आप लंबे समय का चुनाव करते हैं तो आपको फायदा यह होता है कि आप पर मासिक किस्त का भार कम होता है. इसलिए इसका चुनाव आप अपनी आर्थिक क्षमता के आकलन के बाद करें. मसलन किस्त के बाद घर का खर्च और महीने की बाकी जिम्मेदारियां ध्यान में रखें.
7. इंश्योरेंस कवर करती है सुरक्षा
जब आप होम लोन लेते हैं तो आपको लोन कवर टर्म एश्योरेंस प्लान पर जरूर विचार करनी चाहिए. यह आपकी होम लोन राशि को कवर करता है. होम लोन इंश्योरेंस का फैसला काफी पड़ताल के बाद करें. यह इंश्योरेंस कवर उस स्थिति में मददगार होता है, अगर आप भविष्य में किसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति की वजह से होम लोन नहीं चुका पाते हैं.
8. किस्त देने में न करें चूक
हमेशा होम लोन की किस्त समय पर हर महीने चुकाते रहें. अगर आप लगातार तीन महीने से अधिक समय से किस्त नहीं चुकाएंगे तो बैंक के पास बिना किसी नोटिस के आपके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार होगा. इससे आपकी प्रोपर्टी पर इसका असर पड़ सकता है.
01:27 PM IST