MF की रकम निकालने पर कितना भरना पड़ेगा टैक्स? जानिए यहां
इनकम टैक्स (IT) रिटर्न भरने का समय आ चुका है. हर कोई अपनी टैक्स देनदारी कैलकुलेट करने में जुटा है. ऐसे में अगर आपने अपना म्यूचुअल फंड (MF) निवेश भुनाया है तो आपको इस पर भी टैक्स देनदारी कैलकुलेट करनी होगी.
आइए समझते हैं क्या है म्यूचुअल फंड पर टैक्स का गणित? (Zee Business)
आइए समझते हैं क्या है म्यूचुअल फंड पर टैक्स का गणित? (Zee Business)
इनकम टैक्स (IT) रिटर्न भरने का समय आ चुका है. हर कोई अपनी टैक्स देनदारी कैलकुलेट करने में जुटा है. ऐसे में अगर आपने अपना म्यूचुअल फंड (MF) निवेश भुनाया है तो आपको इस पर भी टैक्स देनदारी कैलकुलेट करनी होगी. 'जी बिजनेस' की खास पेशकश 'मनी गुरु' में आज म्यूचुअल फंड में निवेश पर टैक्स को लेकर ही बात हुई है. आइए समझते हैं क्या है म्यूचुअल फंड पर टैक्स का गणित? निवेश से मुनाफे पर आपको कितना टैक्स देना होगा? इक्विटी और डेट का क्या है टैक्स कैल्कुलेशन? आपको म्यूचुअल फंड पर टैक्स देनदारी समझाएंगे टैक्स एक्सपर्ट सुशील जैन.
MF निवेश पर टैक्स
> म्यूचुअल फंड में कैपिटल गेन होता है
> कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है
> निवेश भुनाने पर टैक्स देनदारी बनती है
LTCG क्या है?
> म्यूचुअल फंड में निवेश का होल्डिंग पीरियड है
> LTCG यानि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन
> इक्विटी में 12 महीने या उससे ज्यादा वक्त का निवेश
> बैलेंस्ड फंड में 12 महीने या उससे ज्यादा वक्त का निवेश
> इसे लॉन्ग टर्म यानि लंबी अवधि का निवेश कहा जाता है
> इन निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है
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डेट फंड्स
> आपका निवेश डेट म्यूचुअल फंड में है
> होल्डिंग पीरियड 36 महीने या ज्यादा है
> डेट फंड्स के लिए यह लॉन्ग टर्म निवेश है
STCG क्या है?
> STCG यानि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन
> डेट फंड में आपका निवेश है
> 36 महीने से कम होल्डिंग पीरियड है
> ऐसे में यह शॉर्ट टर्म का निवेश है
> इक्विटी और बैलेंस्ड फंड में निवेश है
> 12 महीने से कम होल्डिंग पीरियड है
> यह शॉर्ट टर्म निवेश है
STCG टैक्स देनदारी
> शॉर्ट टर्म निवेश पर बनती है टैक्स देनदारी
> शॉर्ट टर्म निवेश को भुनाने पर लगता है टैक्स
> ट्रेजरी बिल, 91-डे बॉन्ड्स, शॉर्ट टर्म के उदाहरण
#LIVE | समझिए म्यूचुअल फंड पर टैक्स का पूरा गणित #MoneyGuru में @pallavi_nagpal के साथ। https://t.co/l2FhdHrFq6
— Zee Business (@ZeeBusiness) June 18, 2019
रिटर्न पर टैक्स
होल्डिंग पीरियड | 1 साल से कम | 1-3 साल के लिए | 3 साल से ज्यादा |
इक्विटी/हाइब्रिड | 15% टैक्स | 1 लाख रुपए से ज्यादा कमाई | 1 लाख रुपए से ज्यादा कमाई |
10% टैक्स | 10% टैक्स | 10% टैक्स | |
डेट | स्लैब के मुताबिक टैक्स | स्लैब के मुताबिक टैक्स | इंडेक्सेशन बेनेफिट+ 20% टैक्स |
ELSS पर टैक्स?
> ELSS यानि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम
> ELSS को टैक्स सेविंग स्कीम भी कहते हैं
> IT एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट
> कंपनियों के इक्विटी शेयर में करते हैं निवेश
> ELSS के साथ 3 साल का लॉक-इन पीरियड
> 1 लाख रुपए तक के LTCG पर नहीं लगेगा टैक्स
> मुनाफा 1 लाख रुपए से ज्यादा तो टैक्स देना होगा
> 10% टैक्स लगेगा, इंडेक्सेशन का फायदा नहीं
नॉन-सेविंग टैक्स फंड
> नॉन-टैक्स सेविंग टैक्स फंड पर टैक्स देनदारी
> 1 लाख रुपए तक का मुनाफा भुनाने पर टैक्स नहीं
> 1 लाख रुपए से ज्यादा, तो 10% टैक्स लगेगा
> इसमें भी इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा
बैलेंस्ड फंड
> बैलेंस्ड फंड इक्विटी आधारित हाइब्रिड फंड हैं
> इनका 65% निवेश इक्विटी में होता है
> नॉन-टैक्स सेविंग फंड के समान लगता है टैक्स
डेट फंड पर टैक्स
> डेट फंड पर LTCG टैक्स लगता है
> इन पर इंडेक्सेशन के बाद 20% टैक्स
> शॉर्ट टर्म मुनाफा कुल आय में शामिल होगा
> इन पर STCG टैक्स लगता है
> यह टैक्स स्लैब के मुताबिक होता है
टैक्स छूट के लिए निवेश
> टैक्स छूट पाने के लिए निवेश करना है
> ऐसे में ELSS फंड में निवेश कर सकते हैं
> 80C के तहत 1.50 लाख रुपए तक की छूट
08:22 PM IST