अगर करते हैं MF में निवेश तो यह स्ट्रैटजी दिलाएगी निवेश पर मोटा मुनाफा
पोर्टफोलियो में कितने फंड रखना सही? पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन कैसे करें? डायवर्सिफिकेशन और ओवर-डायवर्सिफिकेशन में क्या अंतर है? पोर्टफोलियो में कितने टैक्स सेवर फंड होने चाहिए? पोर्टफोलियो से फंड निकालने का क्या है पैमाना?
पोर्टफोलियो में कितने फंड रखना सही? पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन कैसे करें? डायवर्सिफिकेशन और ओवर-डायवर्सिफिकेशन में क्या अंतर है? पोर्टफोलियो में कितने टैक्स सेवर फंड होने चाहिए? पोर्टफोलियो से फंड निकालने का क्या है पैमाना? पोर्टफोलियो को रिव्यू करने का सही समय क्या? जी बिजनेस के खास कार्यक्रम मनी गुरु में बजाज कैपिटल के रिसर्च हेड आलोक अग्रवाला ने बताया कि जो लोग निवेश करते हैं उनके सामने ये सभी सवाल घूमते हैं. बेहतर है कि आपका लक्ष्य क्या है, उसके हिसाब से ही पोर्टफोलियो का साइज तैयार करें.
कितने फंड रखना सही?
पोर्टफोलियो को साइज और टार्गेट असेट एलोकेशन पर निर्भर
बड़े इक्विटी पोर्टफोलियो में लार्जकैप, मल्टीकैप, मिड और स्मॉलकैप रखें
फोकस्ड, थीमैटिक या सेकटोरेल फंड भी शामिल कर सकते हैं
बड़े इक्विटी पोर्टफोलियो का साइज 5 से 6 स्कीम का सही
छोटे इक्विटी पोर्टफोलियो में मल्टी और फोकस्ड फंड रख सकते हैं
छोटे इक्विटी पोर्टफोलियो का साइज 2-3 स्कीम का सही
बड़े डेट पोर्टफोलियो में शॉर्ट, मीडियम, लॉन्ग ड्यूरेशन फंड रखें
डेट में बैंकिग और PSU डेट, कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड सही
नए फंड को रिस्क और रिवॉर्ड के पैमाने पर परखकर ही जोड़ें
कौन से फंड जोड़ें?
इक्विटी- लार्जकैप, मल्टीकैप, मिडकैप, फोकस, स्मॉलकैप
डेट- शॉर्ट ड्यूरेशन, कॉर्रपोरेट बॉन्ड, बैंकिंग एंड PSU डेट
कैश- लिक्विड, अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन
लो रिस्क- डायनमिक असेट एलोकेशन, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
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मल्टीकैप फंड-
आलोक अग्रवाला की राय
SBI Magnum Multicap
Motilal Oswal Multicap 35
लार्जकैप फंड
ICICI Prudential Bluechip Equity
Mirae Asset Large cap
फोकस्ड फंड
Axis Focused 25
SBI Focused Equity
मिडकैप फंड
Kotak Emerging Equity
Invesco India Midcap
स्मॉल कैप फंड
Axis Small cap
Kotak Small cap
ELSS
Mirae Asset Tax Saver
Kotak Tax Saver
डायनमिक असेट एलोकेशन
Kotak Balanced Advantage
ICICI Pru Balanced Advantage
कॉरपोरेट बॉन्ड
HDFC Corporate Bond
ICICI Prudential Corporate Bond
बैंकिंग एंड PSU डेट
Aditya Birla SL Banking and PSU Debt
Kotak Banking and PSU Debt
डायवर्सिफिकेशन vs ओवर-डायवर्सिफिकेशन
ओवर-डायवर्सिफिकेशन-मार्जिनल रिस्क मार्जिनल रिटर्न से बढ़ जाए
किसी फंड के जोड़न से पोर्टफोलियो में कोई वैल्यू न जुड़ना
ओवर-डायवर्सिफिकेशन-एक कैटेगरी के कई फंड पोर्टफोलियो में रखना
एक ही फंड हाउस के कई फंड रखना
कितने टैक्स सेवर फंड रखें?
1 से 2 ELSS स्कीम काफी
ELSS में सिर्फ 3 साल की लॉक इन
टैक्स सेविंग के लिए सिर्फ 1.5 लाख तक निवेश की इजाजत
सिर्फ टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेवर में पैसे लॉक करना सही नहीं
फंड निकालने का क्या है पैमाना?
फंड की रिस्क/रिटर्न प्रोफाइल मेल न खाता हो
फंड का प्रदर्शन अच्छा न हो
फंड मैनेजर बदल जाए
निवेश रणनीति बदलने पर
पोर्टफोलियो कब रिव्यू करें?
साल में 1 बार रिव्यू करें
बाजार में बड़ा इवेंट होने पर
बाजार में कोई गिरावट/तेजी में
बार-बार पोर्टफोलयो रिव्यू न करें
नियमित अंतराल पर रिव्यू करना सही
निवेश की बुरी आदतें
सारे पैसे को बैंक अकाउंट में रखते हैं
ज्यादातर लोग सैलेरी सेविंग अकाउंट में रखते हैं
कई बैंक खाते एक साथ खोल कर रखते हैं
बहुत सारे बैंक अकांउट न खोलें
अपना सारा पैसा बैंक खाते में न रखें
बैंक में कैश पर सिर्फ 3.5-4% ब्याज
जरूरत के हिसाब से ही कैश अपने पास रखें
बैंक में पड़ा पैसे लिक्विड फंड में डाल सकते हैं
बैंक में पड़े कैश की FD करवा सकते हैं
निजी या बिजनेस के लिए 1-1 अकाउंट खोलें
2 से ज्यादा अकांउट की जरूरत नहीं
ज्यादा अकांउट संभालना मुश्किल हो जाता है
निवेश की बुरी आदतें
क्रेडिट कार्ड का बेतहाशा इस्तेमाल करते हैं
बचत और खर्च में संतुलन खो देते हैं
दिखावे में आकर खर्च कर देते हैं
बहुत सारे क्रेडिट/डेबिट कार्ड न रखें
डेबिट कार्ड से शॉपिंग की आदत डालें
खरीदारी के लिए पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करें
पेमेंट ऐप के इस्तेमाल से बजट शॉपिंग में आसानी होती है
डिजिटल वॉलेट के कैश बैक/डिस्काउंट ऑफर का फायदा उठाएं
क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर भरें
क्रेडिट कार्ड बिल डिफॉल्ट पर भारी पेनल्टी
लाइफस्टाइल खर्चों को सीमित रखें
लुभावने ऑफर के झांसे में न आएं
निवेश की बुरी आदत
डेट ट्रैप में फंस जाते हैं
आय के हिसाब से खर्च नहीं करते
क्षमता से अधिक लोन ले लेते हैं
बहुत सारे लोन एक साथ न लें
कैश फ्लो का खाका तैयार करें
लोन सोच समझकर लें
जहां बेहतर ब्याज दर, प्री-पेमेंट चार्ज, प्रॉसेसिंग फीस वहीं से लोन लें
लोन EMI पर डिफॉल्ट कभी न करें
EMI पर डिफॉल्ट करने से क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है
क्रेडिट स्कोर खराब होने से आगे लोन मिलने में दिक्कत होती है
08:56 PM IST