इमरजेंसी में काम आते हैं हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी और मेडिकल लोन जैसे ऑप्शन, समझें दोनों के बीच का अंतर
मेडिकल इमरजेंसी कभी भी आ सकती है. मेडिकल इन्फ्लेशन समय के साथ बढ़ता जा रहा है. जिस वजह से ज्यादातर लोगों के लिए सही समय पर क्वालिटी मेडिकल ट्रीटमेंट का खर्च उठाना मुश्किल है.
मेडिकल एक्सपेंस के लिए अक्सर लोग हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम पर डिपेंड होते हैं. कई लोग इस के लिए मेडिकल लोन भी लेते हैं. एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी और एक मेडिकल लोन के बीच का मेजर डिफरेंस ये है कि हेल्थ इंश्योरेंस पहले से खरीदा जाता है जबकि एक मेडिकल लोन हमेशा मेडिकल इमरजेंसी के बाद लिया जाता है. कई बार लोग ये सोचते हैं कि अगर उन्हें हर बार मेडिकल इमरजेंसी के लिए खर्च करने की जरुरत ही नहीं है तो वो हेल्थ इंश्योरेंस क्यों खरीदें. लेकिन हमें ये समझना चाहिए कि हेल्थ इंश्योरेंस एहतियातन खरीदा जाता है. आप एक हेल्थ इंश्योरेंस लेने से किसी भी तरह की हेल्थ इमरजेंसी के लिए पहले से तैयार रहते हैं. इसमें आप कवरेज चुनते हैं और अपने बजट के अनुसार प्रीमियम का पेमेंट करते हैं. लेकिन अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के लिए मेडिकल इमरजेंसी का इंतजार करते हैं, तो आप क्लेम नहीं कर पाएंगे क्योंकि ज्यादातर हेल्थ प्लान 30 दिनों के शुरुआती वेटिंग पीरियड के साथ आते हैं. इसके साथ ही आपको हेल्थ इंश्योरेंस को एडवांस में ही खरीदना होता है. साथ ही इसका प्रीमियम भी रेगुलर रुप से भरना होता है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो क्लेम नहीं कर पाएंगें.
मेडिकल लोन क्या है
एक मेडिकल लोन एक तरह का कर्ज है. इसे आपको एक सेट पीरियड के भीतर चुकाना होता है. आप उस अमाउंट के लिए लोन सिलेक्ट कर सकते हैं जिसकी जरुरत आपको मेडिकल इमरजेंसी में पड़ सकती है. हालांकि अगर आप किसी बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट से लोन लेते हैं तो आपको इंटरेस्ट रेट चुकानी पड़ती है.
दोनों के बीच का अंतर
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आपको तुरंत मेडिकल सर्विस को लेने की सुविधा देती हैं. क्योंकि ये तुरंत जारी किया जाता है. जब आप एक मेडिकल इमरजेसी कंडीशन का सामना करते हैं, तो आपको केवल एक क्लेम करने की जरुरत होती है. और आपका इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपके मेडिकल एक्सपेंस के लिए अमाउंट आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है. मेडिकल लोन लेने की तुलना में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना ज्यादा किफायती है. आपको अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए सालाना प्रीमियम के रूप में केवल एक छोटे अमाउंट का पेमेंट करना होता है. इसके अलावा, आप क्युमुलेटिव बोनस जैसे कई रिन्यूवल बैनिफिट भी ले सकते हैं जो आपके प्रीमियम को कम करता है. लेकिन मेडिकल लोन लेने की कंडीशन में आपको सालों तक ईएमआई भरनी पड़ती है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का एक बड़ा फायदा ये है कि आप नेटवर्क हॅास्पिटल में कैशलेस ट्रीटमेंट का फायदा उठा सकते हैं. नेटवर्क हॅास्पिटल वे अस्पताल हैं जिनका आपकी इंश्योरेंस कंपनी के साथ टाई-अप है. ये हॅास्पिटल इंश्योर्ड को कैशलेस ट्रीटमेंट की फैसिलिटी देते हैं. लोन लेने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखना जरूरी है. अगर आप लंबे समय से घर या कार खरीदने के लिए लोन लेने का प्लान बना रहे थे, तो अचानक मेडिकल लोन लेना आपके क्रेडिट स्कोर के लिए खतरा बन सकता है. अगर किसी कारण आपसे ईएमआई मिस हो जाती है तो आपके क्रेडिट स्कोर पर गलत असर पड़ता है. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस को लेना आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है. मेडिकल लोन की जगह हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का एक और कारण ये है कि हेल्थ इंश्योरेंस आपको टैक्स बचाने में मदद करता है. आयकर अधिनियम, धारा 80D के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम टैक्स डिडक्शन के लिए एलिजिबल है. साथ ही जब आप एक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम खरीदते हैं, तो आपको उस कवरेज के अलावा कुछ एक्सट्रा बैनिफिट भी मिलते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस के तहत बिना किसी एक्सट्रा कॅास्ट के एनुअल हेल्थ चेकअप फैसिलिटी, क्युमुलेटिव बोनस, लॅान्ग टर्म पॉलिसी छूट, ऑनलाइन छूट आदि जैसे बैनिफिट मिलते हैं. लेकिन मेडिकल लोन लेने पर ऐसे बैनिफिट नहीं मिलते हैं.
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