Tax कटने से बचाना है तो तुरंत करें ये काम, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान
Financial Year 2020-21 के लिए आपको अभी से अपना Tax Declaration देना होगा. न देने पर आपका इम्प्लॉयर आपकी सैलरी में से Tax काटना शुरू कर देगा.
हमें साल की शुरुआत में ही अपने Tax सेविंग योजनाओं में निवेश का प्लान देना होता है. (Reuters)
हमें साल की शुरुआत में ही अपने Tax सेविंग योजनाओं में निवेश का प्लान देना होता है. (Reuters)
Financial Year 2020-21 के लिए आपको अभी से अपना Tax Declaration देना होगा. न देने पर आपका इम्प्लॉयर आपकी सैलरी में से Tax काटना शुरू कर देगा. यानि हमें साल की शुरुआत में ही अपने Tax सेविंग योजनाओं में निवेश का प्लान देना होता है, इसे ही Tax Declaration कहते हैं.
आयकर विभाग (Income tax Department) के मुताबिक कर्मचारियों को चालू कारोबारी साल के दौरान नई आयकर प्रणाली (New Income tax Slab) को अपनाने की अपनी मंशा के बारे में इम्प्लॉयर को बताना होगा ताकि वह वेतन देते समय उसी के हिसाब से TDS ले सके.
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020-21 के बजट में Individual Taxpayers के लिये एक नई वैकल्पिक प्रणाली की घोषणा की है. इसमें Taxpayer के लिए कर की दरें कम रखीं गई हैं लेकिन HRA, Home Loan Interest, LIC में निवेश सहित धारा 80C, 80D और 80CCD के तहत मिलने वाली कर छूट का लाभ इसमें नहीं दिया जाएगा.
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कम कर दर वाली इस आयकर प्रणाली को वैकल्पिक रखा गया है. करदाता को यह विकल्प उपलब्ध होगा कि वह पुरानी व्यवस्था के तहत ही आयकर का भुगतान कर सकता है या फिर नई प्रणाली को अपना सकता है.
नया टैक्स स्लैब
इनकम (रुपए) | टैक्स (प्रतिशत) |
2.5 लाख | 0 |
2.5-5 लाख | 5 |
5.-7.5 लाख | 10 |
7.5-10 लाख | 15 |
10-12.5 लाख | 20 |
12.5-15 लाख | 25 |
15 से ज्यादा | 30 |
पुरानी व्यवस्था में ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत, पांच लाख से 10 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगाने का प्रावधान है. हालांकि, इस प्रणाली में कई तरह की कर छूट के प्रावधान भी उपलब्ध हैं.
CBDT ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि जो भी कर्मचारी आयकर की नई प्रणाली को अपनाना चाहते हैं उन्हें इस बारे में अपने नियोक्ता को सूचित करना होगा. अगर कर्मचारी इस तरह की सूचना नहीं देता है तो नियोक्ता आयकर कानून की धारा 115बीएसी के प्रावधानों को विचार में लिये बिना ही TDS की गणना करेगा.
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दूसरी स्थिति में कटौती करने वाला नियोक्ता कम्रचारी की कुल आय की गणना और उसपर आयकर कानून की धारा 115बीएसी के प्रावधानों के तहत टीडीएस तेयार करेगा.
नांगिया एंडरसन कंसल्टिंग के निदेशक शैलेश कुमार ने कहा इस मामले में नियोक्ता के पास कोई स्पष्टता नहीं थी कि वह पुरानी प्रणाली में TDS कटौती करें अथवा नये विकल्प के तहत आगे बढ़ें. अब इस सर्कुलर से नियोकताओं के बीच जो भ्रम था वह दूर होगा.
07:52 AM IST