Financial Planning के अचूक मंत्र- निवेश के दो तरीके, दोनों जरूरी... एक्सपर्ट से समझें कब करें कौन सी तैयारी
फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरुआत हमें स्वास्थ्य बीमा के साथ करनी चाहिए. यह नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले सभी के लिए जरूरी है.
Financial Planning: अगर आप जीवन में फाइनेंशियल दिक्कतों से बचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सही फाइनेंशियल प्लानिंग करनी होगी. इसमें जरूरी है कि बचत करें और पहली इनकम के साथ ही अनुशासित फाइनेंशियल प्लानिंग करें ताकी भविष्य में पैसों की जरूरत को पूरा किया जा सके. लेकिन सिर्फ बचत तक ही काम नहीं पूरा होता, बल्कि इसके लिए लक्ष्य निर्धारित करना होगा. उदाहरण के तौर पर घर, गाड़ी या कुछ और भी हो सकता है. जीवन में इन लक्ष्यों को पाने के लिए जरूरी है अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग, तो चलिए इसमें हम आपकी मदद करतें हैं....
फाइनेंशियल प्लानर और प्रोमोर फिनटेक की को-फाउंडर निशा संघवी ने कहा कि अच्छे फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) के लिए जरूरी है फाइनेंशियल गोल, जिन्हें दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, पहला आवश्यक गोल और दूसरा वैकल्पिक गोल...
आवश्यक गोल (Mandatory Goals) में क्या करें?
फाइनेंशियल प्लानिंग में वे लक्ष्य जो किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी होते हैं. ऐसे में निशा संघवी के मुताबिक इन लक्ष्यों पर सबसे ज्यादा फोकस करना चाहिए...
- हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) - फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरुआत हमें स्वास्थ्य बीमा के साथ करनी चाहिए. यह नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले सभी के लिए जरूरी है. अगर आप नौकरी कर रहे हैं तब भी आपको केवल कंपनी की हेल्थ इंश्योरेंस पर नहीं निर्भर रहना चाहिए. अलग से भी हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए. इसमें कई तरह के प्लान होते हैं, जैसे इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस, फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस, क्रिटिकल हेल्थ इंश्योरेंस, सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस, टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस, हॉस्पिटल डेली कैश, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस, मेडिक्लेम, ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस, ULIPs और डिजिज-स्पेसिफिक. इनमें से आप अपने जरूरत के लिहाज से चुन सकते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए आप खुद को और डिपेंडेंट को हेल्थ इमरजेंसी में मदद कर पाएंगे.
- टर्म इंश्योरेंस (Term Life)- यह लाइफ इंश्योरेंस का एक प्रकार है, जो जीवन की अनिश्चितताओं के खिलाफ आपको और आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा देता है. इसमें खरीदे गए टर्म इंश्योरेंस प्लान के आधार पर आपके असामयिक मृत्यु की स्थिति में आपके परिवार को सम एश्योर्ड मिलेगा. टर्म इंश्योरेंस प्लान आप अपने जरूरत कि हिसाब से चुन सकते हैं. इसमें रेगुलर टर्म प्लान, सिंगल प्रीमियम टर्म प्लान, इंक्रिजिंग टर्म प्लान, डिक्रिजिंग टर्म प्लान और टर्म इंश्योरेंस विथ रिटर्न ऑफ प्रीमियम (TROP) शामिल हैं.
- इमरजेंसी कॉरपस (Emergency Corpus)- इमरजेंसी फंड आपके द्वारा इकट्ठा किया हुआ वह रकम होता है जो अचानक पड़ने वाले आर्थिक संकट से निपटने के काम आता है. यह आपकी कम से कम छह महीने के कमाई के बराबर होना चाहिए. इस तरह के फंड को आप बैंक में फिक्स डिपॉजिट (FD) या पोस्ट ऑफिस में रिटर्न डिपॉजिट (RD) कर सकते हैं. RD के जरिए हर महीने ब्याज मिलेगा, जबकि FD में अलग-अलग बैंकों द्वारा अलग-अलग ब्याज दिया जाता है.
- रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning)- नौकरी की शुरुआत करते ही आपको अपने रिटायरमेंट का सोचना चाहिए. इसकी तैयारी जितनी जल्दी होगी, भविष्य उतना ही बेहतर होगा. ऐसे में कमाई का एक हिस्सा रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बचाना चाहिए. बचत की रकम को कम से कम रिस्क वाले निवेश किया जा सकता है.
वैकल्पिक लक्ष्य (Optional Goals) में क्या करें?
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जीवन में कुछ ऐसे लक्ष्य होते हैं, जो अतिआवश्यक नहीं होते. इन्हें जरूरत के हिसाब से देरी या पहले भी पूरा किया जा सकता है. इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग के समय इन्हें वैकल्पिक लक्ष्य के तौर पर भी देखा जा सकता है....
- शादी (Marriage)- किसी व्यक्ति के जीवन में शादी काफी अहम होता है. शादी को लेकर कई सपने होते हैं. चाहे वो विदेश जाकर हनीमून मनाना हो या फिर धूमधाम से खर्च करने की, लेकिन इन सपनों को पूरा करने के लिए कर्ज लेना बुरा साबित हो सकता है. यह आपकी फाइनेंशियल स्थिति को खराब कर सकती है. ऐसे में शादी के लिए पहले से ही बचत करें. सैलरी का एक हिस्सा शादी के लिए सुरक्षित फंड में निवेश करें और फिजूल के खर्च से बचे और बजट के लिहाज से खर्च करें.
- कार (Buying Car)- नौकरीपेशा हो या कारोबारी व्यक्ति सभी गाड़ी खरीदना का सपना देखते हैं. इस सपने को पूरा करने में अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग आपकी काफी मदद कर सकती है. इसके लिए SIP में निवेश करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. नौकरी
- पारिवारिक जिम्मेदारी (Parental Responsibility)- किसी भी व्यक्ति के लिए पारिवारिक जिम्मेदारी काफई अहम होती है. बच्चों का एजुकेशन हो या परवरिश, परिवार के स्वास्थ्य की बात हो या उनके भविष्य का जिम्मा ये सभी जरूरी होते हैं. ऐसे में सुरक्षित बचत होना आवश्क होता है.
- स्किल अपग्रेड (Upskill) - नौकरी करते समय अगर अपने स्किल को मजबूत करना है तो उसके लिए सर्टिफिकेट या डिप्लोमा करना होगा. इसके लिए जरूरी है कि आपके बैंक खाते में फीस भुगतान के लिए रकम हो. ऐसे में हमें पहले ही तय करना होगा कि क्या हमें अपनी स्किल को अपग्रेड करना है. अगर हां तो इसके लिए पहले से ही तैयारी करनी होगी और बचत करना होगा.
09:10 PM IST