EPS 95 Scheme: कर्मचारी की मौत के बाद परिवार के किन सदस्यों को मिलता है पेंशन का लाभ, क्या कहता है नियम?
अगर नौकरी के दौरान कर्मचारी की मौत हो जाए, तो पेंशन का लाभ उसके परिवार के सदस्यों को दिया जाता है. इस स्थिति में विधवा पेंशन, बाल पेंशन और अनाथ पेंशन दी जाती है. यहां जानिए EPS-95 Scheme के तहत पेंशन के नियम.
अगर आप ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करते हैं तो हर महीने आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा ईपीएफ में जमा होता होगा.EPF अकाउंट में कर्मचारी और कंपनी दोनों की तरफ से कंट्रीब्यूशन होता है. ये कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी +DA का 12-12 फीसदी होता है. इंम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन में से 3.67 फीसदी EPF और 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम (Employees' Pension Scheme) में जमा होता है.
अगर कर्मचारी ने नौकरी के 10 साल पूरे कर लिए हैं, तो वो ईपीएस95 स्कीम के तहत पेंशन पाने का हकदार बन जाता है. लेकिन अगर नौकरी के दौरान कर्मचारी की मौत हो जाए, तो पेंशन का लाभ उसके परिवार के सदस्यों को दिया जाता है. इस स्थिति में विधवा पेंशन, बाल पेंशन और अनाथ पेंशन दी जाती है. यहां जानिए क्या कहता है EPS 95 Scheme का रूल.
किसे मिलती है कितनी पेंशन
EPS-95 स्कीम के तहत कर्मचारी की इस पेंशन में विधवा पेंशन, बाल पेंशन और अनाथ पेंशन शामिल होती है. विधवा पेंशन के तहत न्यूनतम कर्मचारी की विधवा पत्नि/विधुर पति को 1000 रुपए तक मिल सकते हैं. वहीं पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में विधवा को पेंशन का 50 फीसदी हिस्से का भुगतान किया जाता है. बाल पेंशन उस स्थिति में दी जाती है, जब बच्चों की उम्र 25 साल से कम हो. इस स्थिति में विधवा पेंशन का 25 फीसदी भुगतान किया जाता है. एक बार में दो बच्चों को ये सुविधा दी जा सकती है. अगर बच्चे अनाथ हैं तो उस स्थिति में बच्चों को पेंशन का 75 फीसदी हिस्सा 25 साल की आयु होने तक मिलता है. अगर संतान शारीरिक रूप से अक्षम है तो उसे 75 फीसदी पेंशन ताउम्र दी जाती है.
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— EPFO (@socialepfo) October 23, 2023
इन दस्तावेजों की जरूरत
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ईपीएस की पेंशन के लिए मृतक का डेथ सर्टिफिकेट, जिन लोगों को पेंशन की रकम मिलनी है, उनकी आधार कार्ड की कॉपी, अकाउंट डीटेल्स, कैंसिल चेक या बेनिफिशियरी के बैंक पासबुक की अटेस्टेड कॉपी की जरूरत होती है. अगर बेनिफिशयरी नाबालिग है तो उसका आयु प्रमाण पत्र भी देना होगा.
इस रकम के लिए भी कर सकते हैं क्लेम
नौकरी करने के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर कर्मचारी भविष्य निधि मेंबर के नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी या पारिवारिक सदस्य इंश्योरेंस की राशि के लिए भी क्लेम कर सकते हैं. इस स्थिति में कर्मचारी के परिवार को एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (Employees Deposit Linked Insurance) स्कीम के तहत ढाई लाख से लेकर मैक्सिमम 7 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस बेनिफिट दिया जाता है. ये स्कीम ईपीएफओ की तरफ से चलाई जाने वाली एक बीमा योजना है, जो ईपीएफओ में रजिस्टर्ड हर कर्मचारी के लिए चलाई जाती है. अगर ईपीएफओ मेंबर लगातार 12 महीनों से नौकरी करता आ रहा है तो कर्मचारी की मृत्यु के बाद नॉमिनी को कम से कम 2.5 लाख तक का लाभ मिलेगा.
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