Credit Score: आपके सिबिल स्कोर पर असर डालती हैं ये 4 चीजें, इन मामलों में भूलकर भी न करें कोई लापरवाही
कंज्यूमर का क्रेडिट स्कोर अच्छा होने से लेंडर को ये यकीन होता है कि उसका पैसा डूबेगा नहीं, ऐसे में लोन आसानी से अप्रूव हो जाता है. जानें क्रेडिट स्कोर की अहमियत.
आपके सिबिल स्कोर पर असर डालती हैं ये 4 चीजें, इन मामलों में भूलकर भी न करें कोई लापरवाही (Zee Biz)
आपके सिबिल स्कोर पर असर डालती हैं ये 4 चीजें, इन मामलों में भूलकर भी न करें कोई लापरवाही (Zee Biz)
क्रेडिट स्कोर किसी भी शख्स की क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको लोन आसानी से मिल जाता है और अगर क्रेडिट स्कोर खराब है, तो लोन में कई तरह की मुश्किल आती हैं. वो इसलिए क्योंकि कंज्यूमर का क्रेडिट स्कोर अच्छा होने से लेंडर को ये यकीन होता है कि उसका पैसा डूबेगा नहीं, ऐसे में लोन आसानी से अप्रूव हो जाता है. हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि सिर्फ सिबिल स्कोर के ही आधार पर लोन अप्रूव होता है.
लेकिन ये कह सकते हैं कि आपका सिबिल स्कोर लोन अप्रूवल में बड़ी भूमिका निभाता है. क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच निर्धारित किया जाता है. आमतौर पर 750 या इससे अधिक स्कोर को अच्छा माना जाता है. अगर आप भी अपने क्रेडिट स्कोर को मेंटेन रखना चाहते हैं, तो आपको उन फैक्टर्स को जानना बहुत जरूरी है, जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करते हैं.
क्रेडिट स्कोर अच्छा होने के फायदे
- लोन मिलना आसान हो जाता है.
- लोन सस्ती ब्याज दर पर मिल सकता है.
- लॉन्ग टेन्योर के लिए लोन मिल सकता है.
- आपकी लोन रिक्वेस्ट जल्द अप्रूव हो सकती है.
- लोन प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेज में डिस्काउंट मिल सकता है.
आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करते हैं ये 4 कारक
- स्टेट बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी अनिल कुमार मिश्र बताते हैं कि आप लोन या क्रेडिट कार्ड से लिए गए लोन का भुगतान सही समय पर करते हैं या नहीं, इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है. अगर आप लोन लेने के बाद समय पर ईएमआई देते हैं और लोन का पूरा भुगतान करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है.
- क्रेडिट स्कोर को आपका क्रेडिट यूटिलाईजेशन रेश्यो भी प्रभावित करता है. आपकी कुल क्रेडिट लिमिट में से आप जितना प्रतिशत का इस्तेमाल करते हैं, वो क्रेडिट यूटिलाइजेशन कहलाता है. क्रेडिट यूटिलाईजेशन रेश्यो 30% या इससे कम होना होना चाहिए. इससे ये मैसेज जाता है कि क्रेडिट पर आपकी निर्भरता बहुत ज्यादा नहीं है. ऐसे में आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है.
- क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण कारक क्रेडिट मिक्स भी है यानी आपके पास कितने सिक्योर्ड (कार लोन, होम लोन, गोल्ड लोन) और अन-सिक्योर्ड लोन (पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड) हैं. इन सबका रेश्यो क्रेडिट मिक्स कहलाता है. आमतौर पर अनसिक्योर्ड लोन दो से ज्यादा नहीं लेना चाहिए. इससे आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ता है.
- आपके पहले क्रेडिट (क्रेडिट कार्ड या लोन) की तारीख से क्रेडिट एज को गिना जाता है. आपकी क्रेडिट ऐज जितनी ज्यादा होगी, आपकी विश्वसनीयता भी उतनी अधिक होगी और ये आपके स्कोर के लिए बेहतर होगा. आमतौर पर जिन लोगों के क्रेडिट खाते 3 साल या उससे ज्यादा पुराने हैं, उनको ज्यादा पसंद किया जाता है.
09:22 PM IST