7th Pay Commission : हजारों की संख्या में दिल्ली पहुंचे कर्मचारी, बड़े आंदोलन की तैयारी
7th Pay Commission के तहत भत्ते व पुरानी पेंशन की मांगों को ले कर कई राज्यों के कर्मचारी 03 दिसम्बर को दिल्ली पहुंच चुके हैं.
7th Pay Commission के तहत मांगों को ले कर कई राज्यों से दिल्ली पहुंचे कर्मचारी (फाइल फोटो)
7th Pay Commission के तहत मांगों को ले कर कई राज्यों से दिल्ली पहुंचे कर्मचारी (फाइल फोटो)
7th Pay Commission के तहत भत्ते व पुरानी पेंशन की मांगों को ले कर कई राज्यों के कर्मचारी 03 दिसम्बर को दिल्ली पहुंच चुके हैं. ये कर्मचारी अपनी मांगों को ले कर सोमवार को संसद मार्ग पर प्रदर्शन करने के साथ ही हुंकार रैली निकालेंगे. देश भर के कर्मचारी संगठनों के संयुक्त प्लेटफार्म पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने बताया कि कर्मचारियों की दो प्रमुख मांगें हैं. पहली मांग है कि 7th Pay Commission के तहत तत्काल सभी भत्ते मिलने शुरू होने चाहिए, न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाना चाहिए व फिटमेंट फामूला में सुधार होना चाहिए. वहीं दूसरी प्रमुख मांग है कि तत्काल पुरानी पेंशन को लागू किया जाए.
रेल कर्मियों ने शुरू की भूख हड़ताल
रेल कर्मियों के संगठन उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन ने 7th Pay Commission के तहत मांगों को ले कर 03 से 10 दिसम्बर के बीच भूख हड़ताल की घोषणा कर दी है. कर्मचारी दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर हड़ताल करेंगे. इन कर्मचारियों की मांग है कि 7th Pay Commission के तहत तत्काल न्यूनतम वेतन को 26000 किया जाए. वहीं फिटमेंट फार्मूले को 2.57 से बढ़ा कर 3.7 किया जाए. वहीं पुरानी पेंशन स्कीम की मांग भी की गई है.
कई राज्यों में अब तक नहीं मिल रहा 7th Pay Commission
पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष वीपी मिश्रा के अनुसार कई राज्यों में 7th Pay Commission अब तक लागू नहीं हो सका है. कई जगहों पर कमेटियां बना दी गईं हैं तो कई जगहों पर कुछ और पेंच फंसा है. ऐसे में केंद्र सरकार की मांग की जाएगी कि ऐसी मुश्किलों को ध्यान में रखतें हुए एक केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया गया जिसकी सिफारिशें केंद्र के साथ देश के सभी राज्यों में भी लागू हों. उन्होंने बताया कि इस हुंकार रैली में हजारों की संख्या में सरकारी कर्मचारी हिस्सा लेंगे. जिसमें उत्तर प्रदेश (UP) आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों के सरकारी कर्मचारी हिस्सा लेंगे.
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रेल कर्मियों को बातचीत के लिए बुलाया गया
7th Pay Commission के तहत वेतन भत्त दिए जाने, पुरानी पेंशन स्कीम व अपनी 47 सूत्रीय मांगों को ले कर रेल कर्मचारी 26 नवम्बर से 30 दिसम्बर के बीच जनजागरण अभियान चला रहे थे. देश भर में इस अभियान के तहत कर्मचारियों को 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने को कहा गया. कर्मचारियों को बताया गया कि वर्क टू रूल क्या है. रेल कर्मचारियों के इस रुख को देखते हुए रेल मंत्रालय ने कर्मचारियों की मांगों पर बातचीत करने के लिए कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को 04 दिसम्बर के लिए बुलाया है. इस बैठक में कर्मचारियों की मांगों को ले कर कुछ निर्णय लिए जा सकते हैं.
मांगे मांने जाने तक आंदोलन रहेगा जारी
दूसरी तरफ फिलहाल कर्मचारी सरकार पर भरोसा करने के मूड में नहीं है. इसी के चलते 03 नवम्बर को देश भर में स्टेशनों व रेलवे के बड़े कार्यालयों में सभाओं का आयोजन किया जाएगा. रेलवे के दिल्ली मंडल के सचिव अनूप शर्मा ने बताया कि 04 दिसम्बर को मंत्रालय ने कर्मचारियों की मांगों पर बातचीत के लिए बुलाया है. यह बातचीत कितनी सफल रहेगी इस पर आगे के आंदोलनों की रूपरेखा तय होगी. फिलहाल यूनियन की ओर से 05 दिसम्बर को एक स्टैंडिंग कमेटी की बैठक भी बुलाई गई है. 04 नवम्बर को हुई बातचीत के आधार पर इस बैठक में निर्णय लिए जाएंगे.
रेलवे संगठनों की ओर से आंदोलन की तय है रूपरेखा
रेलकर्मियों के संगठन नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा की ओर से जारी किए गए आंदोलन के शिड्यूल के तहत 26 से 30 नवम्बर तक पूरे उत्तर रेलवे में जम्मू से ले कर वाराणसी तक धरना- प्रदर्शन व रैली सभाओं का आयोजन कर जन जागरण अभियान चलाया गया. इस अभियान के माध्यम से रेल कर्मियों को मांगों के प्रति जागरूक करने के साथ ही 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने को कहा गया. 03 दिसम्बर को नार्दन रेलवे की सभी शाखाओं पर प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा और लोगों को रेल कर्मियों की मांगों पर प्रशासन की अब तक की प्रतिक्रिया के बारे में बताया जाएगा.
11 दिसम्बर से लागू होगा वर्क टू रूल
इस आंदोलने के तहत रेल कर्मियों ने 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने की घोषणा की है. नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के दिल्ली मंडल के सचिव अनूप शर्मा ने बताया कि इस वार्षिक सम्मेलन में वर्किंग कमेटी ने अंतिम तौर पर वर्क टू रूल क तहत काम करने का निर्णय ले लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहले ही प्रशासन को नोटिस दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, न्यूनतम वेतन में वृद्धि व पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांगों को प्रमुखता से रखा गया. उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही रेलवे कर्मचारियों की इन समस्याओं का समाधान सरकार की ओर से नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
08:32 AM IST