BSNL को होगी 7,000 करोड़ की सालाना बचत, 50% से ज्यादा स्टॉफ ले रहा है VRS
BSNL ने 5 नवंबर को वीआरएस का ऐलान किया था. कंपनी के कुल डेढ़ लाख कर्मचारियों में से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस के दायरे में हैं.
बीएसएनएल के साथ MTNL भी वीआरएस योजना लायी है. कर्मचारियों के लिये यह योजना भी तीन दिसंबर तक खुली है.
बीएसएनएल के साथ MTNL भी वीआरएस योजना लायी है. कर्मचारियों के लिये यह योजना भी तीन दिसंबर तक खुली है.
पैसों की तंगी से जूझ रही सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड (Bharat Sanchar Nigam Limited- BSNL) की खस्ता हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कंपनी के आधे से ज्यादा कर्मचारी नौकरी छोड़ना चाहते हैं. बीएसएनएल की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के लिए 1.5 लाख में से अबतक 70,000 कर्मचारी आवेदन कर चुके हैं. वीआरएस के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 3 दिसंबर है.
बीएसएनएल (BSNL) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीके पुरवार ने बताया कि वीआरएस (VRS) के लिये बड़ी संख्या में कर्मचारी आवेदन कर रहे हैं. कुल मिलाकर बीएसएनएल के 1.5 लाख कर्मचारियों में से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस (VRS) योजना के लिए पात्र हैं.
7000 करोड़ की होगी बचत
बीएसएनएल (BSNL) ने 5 नवंबर को वीआरएस का ऐलान किया था. कंपनी के कुल डेढ़ लाख कर्मचारियों में से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस के दायरे में हैं. वीआरएस योजना से कंपनी को करीब 7,000 करोड़ रुपये की बचत हर साल वेतन खाते में ही होगी.
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कौन ले सकता है वीआरएस
बीएसएनएल (BSNL) का अनुमान है कि उसके 77,000 कर्मचारी इस योजना का विकल्प चुन सकते हैं. 50 वर्ष या फिर इससे अधिक आयु के सभी नियमित और स्थायी कर्मचारी वीआरएस योजना के तहत अप्लाई कर सकते हैं.
वीआरएस में कितना मिलेगा वेतन
वे कर्मचारी जो प्रतिनियुक्ति पर बीएसएनएल (BSNL) से बाहर किसी अन्य संगठन या विभाग में तैनात हैं, वे भी वीआरएस (voluntary retirement scheme) के लिए अप्लाई कर सकते हैं. वीआरएस के तहत कर्मचारी को उनकी सेवाकाल के बीत चुके हर एक वर्ष के लिए 35 दिन और बचे हुए सेवाकाल के लिए 25 दिन प्रति वर्ष का वेतन दिया जाएगा.
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बीएसएनएल के साथ महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) भी वीआरएस योजना लायी है. कर्मचारियों के लिये यह योजना भी तीन दिसंबर तक खुली है.
घाटे से जूझ रही है BSNL
बीएसएनएल देश की सबसे बड़ी सरकारी दूरसंचार कंपनी है. यह पिछले कई सालों से घाटे से जूझ रही है. आलम ये है कि कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं मिल रहा है. पिछले साल 2018-19 में कंपनी का घाटा 14,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था.
सरकार ने कंपनी की खस्ता हालत को देखते हुए 70,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था.
01:30 PM IST