1.5 लाख डाकघरों को इस कंपनी ने बनाया स्मार्ट, ग्राहक सेवा में जबरदस्त सुधार
TCS: मुंबई की कंपनी को 2013 में डाक विभाग से सूचना प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण कार्यक्रम के लिए 1,100 करोड़ रुपये का ठेका मिला था. इसका मकसद भारतीय डाक को आधुनिक प्रौद्योगिकी तथा प्रणाली से लैस करना था.
कंपनी ने डाक सेवाओं, वित्त, लेखा तथा मानव संसाधन कार्यों को बेहतर बनाई है. (फाइल फोटो)
कंपनी ने डाक सेवाओं, वित्त, लेखा तथा मानव संसाधन कार्यों को बेहतर बनाई है. (फाइल फोटो)
देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने भारतीय डाक को उसके 1.5 लाख डाकघरों को आधुनिक रूप देने में मदद की है. कंपनी ने इसके लिये एकीकृत समाधान सेवा उपलब्ध कराया है. मुंबई की कंपनी को 2013 में डाक विभाग से सूचना प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण कार्यक्रम के लिए 1,100 करोड़ रुपये का ठेका मिला था. इसका मकसद भारतीय डाक को आधुनिक प्रौद्योगिकी तथा प्रणाली से लैस करना था ताकि डाकघर ग्राहकों को और सेवाओं की पेशकश प्रभावी तरीके से कर सके.
टीसीएस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस पूरे बदलाव के केंद्र में केंद्रीय प्रणाली का एकीकरण (सीएसआई) है, इसमें एकीकृत ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) का उपयोग करना शामिल था. यह डाक सेवाओं, वित्त, लेखा तथा मानव संसाधन कार्यों को बेहतर बनाता है. साथ ही यह 1.5 लाख से अधिक डाकघरों के नेटवर्क को जोड़ता है.’’
इसके साथ टीसीएस ने 24,000 डाकघरों में 80,000 ‘प्वाइंट ऑफ सेल’ (पीओएस) टर्मिनल के जरिये पीओएस समाधान क्रियान्वित किया है. साथ ही वेब पोर्टल बनाया है जो भेजे गए सामान की ट्रैकिंग करने में सक्षम है. इसके अलावा ग्राहकों की सहायता के लिये कॉल सेंटर स्थापित किया है जो विभिन्न भाषाओं में काम करेगा.
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कंपनी के अनुसार इस बदलाव का महत्वपूर्ण मकसद वित्तीय समावेश और दूर-दराज के इलाकों में नागरिक सेवाओं की पहुंच के लिये विभाग के देशव्यापी पहुंच का उपयोग करना है.
03:19 PM IST