हैदराबाद IIIT में बोले- डॉ. सुभाष चंद्रा, कहा- 'टेक्नोलॉजी का मनुष्य से गहरा नाता, पहले इंसान को समझना जरूरी'
Subhash Chandra Address: राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा इस वक्त IIIT हैदराबाद में टेक फ्यूचर ऑफ मीडिया एंड मूवीज मसले पर सेमिनार को संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने IIIT स्टूडेंट्स के साथ बातचीत भी की.
Subhash Chandra Address: राज्य सभा सांसद डॉक्टर सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) ने IIIT हैदराबाद में टेक फ्यूचर ऑफ मीडिया एंड मूवीज मसले पर सेमिनार को संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने IIIT स्टूडेंट्स के साथ बातचीत भी की. राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि 1990 के दशक में जब हमने Zee Tv शुरू किया तब से टेक्नोलॉजी में आमूलचूल परिवर्तन हो गया है.
'टेक्नोलॉजी का मनुष्य से गहरा नाता'
डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि टेक्नोलॉजी का मनुष्य से गहरा नाता है. इसके लिए जरूरी है कि पहले इंसान को समझा जाए. वेदांत में कहा गया है कि मनुष्य तीन दशाओं में रहता है. एक जागृत अवस्था में, दूसरी अवस्था-सपने देखने की है और तीसरी अवस्था वो होती है जब मनुष्य सोता है. उस वक्त वह मृत व्यक्ति की तरह होता है.
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डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि जिस तरह अच्छाई और बुराई एक साथ चलती है उसी तरह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी अच्छे और बुरे कामों के लिए हो सकता है. इसलिए जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अच्छे के लिए होगा वहीं इसका इस्तेमाल बुराई के लिए भी किया जा सकता है.
गांधी जी ने गांवों की मजबूती पर किया काम
हैदराबाद IIIT के सेमिनार में सुभाष चंद्रा ने कहा कि गांधी जी ने गांवों की मजबूती पर काम किया. राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि आज संविधान वैसा नहीं है जैसा महात्मा गांधी जी ने सोचा था. गांधी जी के स्वराज का मतलब गर्वनेंस का कंट्रोल ग्रामीण स्तर पर देना था. उन्होंने कहा कि मैंने एक जगह पढ़ा कि अंबेडकर ने एक बार संविधान सभा में कहा था कि हम लोगों को किस तरह का संविधान दे रहे हैं. हमने इस तरह के सेंट्रल रूल के लिए आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी थी.
डॉ. सुभाष चंद्रा के संवाद की बड़ी बातें
राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि इतिहास में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिनका वास्तविकता से नाता नहीं है. इसका एक उदाहरण है कि जैसे बताया जाता है कि महाराणा प्रताप मुगलों से युद्ध में हार गए थे. लेकिन यह सच नहीं है. जब रिसर्च हुई तो पाया गया कि महाराणा प्रताप ने मुगलों को हराया था. इसके ऐतिहासिक सबूत जोधपुर यूनिवर्सिटी और अन्य लोग जो इसपर रिसर्च कर रहे हैं वो जानते हैं.
इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री होती तो नहीं शुरू होता Zee TV
डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि मैंने अपनी किताब में भी लिखा है कि अगर उस समय इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री होतीं तो ज़ी टीवी कभी शुरू नहीं हो पाता. अगर ज़ी टीवी शुरू नहीं हुआ होता तो आज भारत में लगभग 563 टीवी चैनल हैं, जिसमें करीब 1.2 करोड़ लोग काम करते हैं. तो ये सब नहीं हो पाता.
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी किस तरह बदल रही है उसका उदाहरण चार हफ्ते पहले मैंने दुबई में देखा. इजरायल की एक कंपनी का प्रेजेंटेशन देखा जिसमें वह इंसान की आयु को रोकने का प्रयोग कर रही है. यानी कि वह बूढ़ा नहीं होगा. प्रयोग में धरती के नीचे ऐसी दशाएं विकसित करने की कोशिशें की जा रही हैं जिससे कि इस तरह की संभावना पैदा की जा सके.
डिस्ट्रीब्यूशन का नया मीडियम है OTT
राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने OTT के भविष्य के बारे में कहा कि इसको कहा ही Over The Top जाता है. बदलते परिवेश के बावजूद टीवी चैनलों की जड़ें मजबूत हुई हैं और उनके कंटेंट को पहले की तुलना में अधिक देखा जाता है. यानी ये डिस्ट्रब्यूशन का एक नया मीडियम है. इसलिए OTT आने के बाद पुरानी चीजों का क्या होगा, इस सवाल के जवाब में कहा जा सकता है कि टेक्नोलॉजी के कारण रूप का परिवर्तन जरूर हो रहा है लेकिन समानांतर में चीजें चलती रहेंगी.
डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि मनुष्य तीन अवस्थाओं में रहता है. एक तो जागना, दूसरी सोना और सपने देखना, तीसरी अवस्था गहरी नींद में सोना. आइए हम सब मिलकर एक साथ काम करें और नए आइडिया पैदा करें.
राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि इस लिहाज से देखें तो ओटीटी, थिएटर भविष्य में भी साथ-साथ चलेंगे. ओटीटी में एक अतिरिक्त सुविधा कंटेंट को कंट्रोल करने की है. एक दौर था जब लोग वीसीआर में मूवीज देखते थे. अब हम लोग ओटीटी पर चल रहे लाइव को कंट्रोल करते हुए मूवीज देख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से नए विचारों का सृजन किया जा सकता है. आज डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. उम्र कम करने की तकनीक भी उपलब्ध हो रही है. तकनीक के फायदे और नुकसान दोनों हैं.
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06:39 PM IST