EPF अकाउंटहोल्डर्स को ₹1000 पेंशन है बहुत कम, संसदीय समिति ने कहा- राशि बढ़ाने का प्रस्ताव आगे बढ़ाए मंत्रालय
श्रम पर संसद की स्थायी समिति ने अनुदान मांग 2022-23 पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि आठ साल पहले तय की गई 1,000 रुपये की मासिक पेंशन अब काफी कम है.
संसदीय समिति (Parliamentary Committee) के मुताबिक कई समितियों ने इस बारे में विस्तार से चर्चा की है.
संसदीय समिति (Parliamentary Committee) के मुताबिक कई समितियों ने इस बारे में विस्तार से चर्चा की है.
संसद की एक समिति ने मंगलवार को कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की पेंशन योजना के तहत अंशधारकों (EPFO subscribers) को न्यूनतम मासिक पेंशन के रूप में 1,000 रुपये देना बहुत कम है. ऐसे में यह जरूरी है कि श्रम मंत्रालय पेंशन राशि बढ़ाने का प्रस्ताव आगे बढ़ाए. पीटीआई की खबर के मुताबिक, श्रम पर संसद की स्थायी समिति ने अनुदान मांग 2022-23 पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि आठ साल पहले तय की गई 1,000 रुपये की मासिक पेंशन अब काफी कम है.
पेंशन को उचित सीमा तक बढ़ाया जाए
खबर के मुताबिक, संसदीय समिति के मुताबिक, श्रम और रोजगार मंत्रालय के लिए जरूरी है कि वह उच्च-अधिकार हासिल निगरानी समिति की सिफारिश के मुताबिक, वित्त मंत्रालय से पर्याप्त बजटीय समर्थन को लेकर मामला आगे बढ़ाए. इसके अलावा ईपीएफओ अपनी सभी पेंशन योजनाओं का विशेषज्ञों के जरिये मूल्यांकन करे ताकि मासिक सदस्य पेंशन को उचित सीमा (monthly pension to EPFO subscribers) तक बढ़ाया जा सके.
जरूरी सालाना बजटीय प्रावधान किए जा
श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के मूल्यांकन और समीक्षा के लिए वर्ष 2018 में उच्च-अधिकार हासिल निगरानी समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश भी की थी कि सदस्यों/विधवा/विधवा पेंशनभोगियों के लिये न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाकर 2,000 रुपये की जाए. इसके लिये जरूरी सालाना बजटीय प्रावधान किए जाएं. हालांकि वित्त मंत्रालय न्यूनतम मासिक पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाने के लिए सहमत नहीं हुआ.
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कुछ कामकाज में भी मुश्किलें आ रहीं
संसदीय समिति (Parliamentary Committee) के मुताबिक कई समितियों ने इस बारे में विस्तार से चर्चा की है. उससे यही निष्कर्ष निकलता है कि जब तक विशेषज्ञों से ईपीएफओ की पेंशन योजना के अधिशेष/घाटे का उपयुक्त आकलन नहीं होता, मासिक पेंशन की समीक्षा नहीं हो सकती. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईपीएफओ सदस्यों, खासकर 2015 से पहले रिटायर होने वालों को ‘ई-नॉमिनेशन’ के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ-साथ ‘ऑनलाइन ट्रांसफर क्लेम पोर्टल’ (ओटीसीपी) के कामकाज में भी मुश्किलें आ रही हैं.
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ईपीएफओ के प्रयासों की सराहना
संसदीय समिति (Parliamentary Committee) ने डिजिटल इंडिया पहल के साथ सूचना प्रौद्योगिकी साधनों के ज्यादा इस्तेमाल को लेकर ईपीएफओ के प्रयासों की सराहना की. साथ ही यह सुझाव दिया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ‘नॉमिनेशन’ को लेकर होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिये सुधार को लेकर और प्रयास करने चाहिए.
09:44 PM IST