इस बड़े शहर में 4,000 करोड़ रुपये मूल्य की ‘रेडी-टू-मूव’ आवासीय प्रोपर्टी पड़ी है खाली
Real Estate: संपत्ति क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार बहुत से कारणों के चलते करीब 75,000 करोड़ रुपये की लक्जरी आवासीय परियोजनाएं सात साल तक की देरी से चल रही हैं. इसमें समय पर अनुमति नहीं मिलने वाली परियोजनाएं भी शामिल हैं.
आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 तक 2,500 से 2,800 करोड़ रुपये की संपत्ति बिकने को खड़ी पड़ी थी. (रॉयटर्स)
आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 तक 2,500 से 2,800 करोड़ रुपये की संपत्ति बिकने को खड़ी पड़ी थी. (रॉयटर्स)
आवासीय परियोजनाओं को समय से करने के बिल्डरों के प्रयास में तेजी के बीच मुंबई महानगर के दक्षिणी और दक्षिण-मध्य इलाकों में 4,000 करोड़ रुपये मूल्य की के शानदार किस्म के मकान बिल्कुल तैयार हालत में बिकने को खड़े हैं. पिछले साल इसी समय इस तरह के तैयार खड़े मकानों का स्टॉक करीब 2,800 करोड़ रुपये मूल्य का था. देश के अन्य कई बड़े शहरों में भी लाखों की संख्या में तैयार फ्लैट खाली पड़े हैं.
संपत्ति क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार बहुत से कारणों के चलते करीब 75,000 करोड़ रुपये की लक्जरी आवासीय परियोजनाएं सात साल तक की देरी से चल रही हैं. इसमें समय पर अनुमति नहीं मिलने वाली परियोजनाएं भी शामिल हैं. ऐसे में महाराष्ट्र रेरा में इन परियोजनाओं के डेवलपरों ने मार्च के अंत में इन परियोजनाओं के खत्म होने की नई अंतिम तिथि जारी की है.
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के निदेशक आशुतोष लिमाए ने कहा, ‘‘ नकदी की कमी, अनुमति मिलने में देरी, विवाद और कुप्रबंधन जैसे विभिन्न कारणों के चलते निर्माण में देरी होती है. रेरा के नियमों के चलते डेवलपर भी परियोजनाओं के समाप्त होने की अवधि वास्तविक से ज्यादा बता रहे हैं.
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इसमें से कुछ अभी भी परियोजनाओं पर कब्जा दिलाने में असक्षम है.’’ आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 तक 2,500 से 2,800 करोड़ रुपये की संपत्ति बिकने को खड़ी पड़ी थी जो मार्च 2019 में बढ़कर 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.
08:13 PM IST