RBI ने 2021-22 के लिए बैंकिंग ट्रेंड और प्रोग्रेस पर जारी की रिपोर्ट, 7 साल के बाद बैलेंसशीट में डबल डिजिट ग्रोथ दिखी
RBI: रिपोर्ट के मुताबिक, कमर्शियल बैंकों के कंसोलिडेटेड बैलेंसशीट में डबल डिजिट ग्रोथ दिखी. 7 साल के बाद बैलेंसशीट में डबल डिजिट ग्रोथ दिखी. कैपिटल टू रिस्क वेटेड एसेट्स रेश्यो 16.3% से बढ़कर 16.4% पर पहुंच गया. जबकि ग्रॉस NPA रेश्यो घटकर 5.8% पर आ गया.
ग्रॉस NPA रेश्यो घटकर 5.8% पर. (File Photo)
ग्रॉस NPA रेश्यो घटकर 5.8% पर. (File Photo)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बैंकिंग ट्रेंड और प्रोग्रेस पर रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, कमर्शियल बैंकों के कंसोलिडेटेड बैलेंसशीट में डबल डिजिट ग्रोथ दिखी. 7 साल के बाद बैलेंसशीट में डबल डिजिट ग्रोथ दिखी. कैपिटल टू रिस्क वेटेड एसेट्स रेश्यो 16.3% से बढ़कर 16.4% पर पहुंच गया. जबकि ग्रॉस NPA रेश्यो घटकर 5.8% पर आ गया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कम स्लिपेज और ग्रॉस NPA में कमी का असर है. बैंकों की आय बढ़ी, खर्चे घटे और मुनाफा बढ़ा. अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन में भी सुधार आया. NBFCs की नकदी की स्थिति अच्छी रही. पर्याप्त प्रोविजनिंग, पूंजी की स्थिति बेहतर, एसेट क्वालिटी में सुधार आया. बैंक का GNPA मार्च 2022 के अंत तक FY18 के ऊपरी स्तर से 5.8% तक घटा.
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#RBI ने 2021-22 के लिए #Banking ट्रेंड और प्रोग्रेस पर रिपोर्ट जारी किया
— Zee Business (@ZeeBusiness) December 27, 2022
🔸कमर्शियल बैंकों के कंसोलिडेटेड बैलेंसशीट में डबल डिजिट ग्रोथ दिखी@RBI | @BrajeshKMZee pic.twitter.com/T7IvnPzSAd
भुगतान से जुड़े फ्रॉड पर लगाम लगाएगा RBI
धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग को बेहतर तरीके से सुव्यवस्थित करने और पेमेंट फ्रॉड मैनेजमेंट को ऑटोमेट करने के लिए RBI 1 जनवरी, 2023 से एक प्लेटफॉर्म DAKSH लॉन्च कर रही है. जनवरी से फ्रॉड रिपोर्टिंग मॉड्यूल को DAKSH पर स्थानांतरित किया जा रहा है, जो कि RBI की एडवांस्ड सुपरवाइजरी मॉनिटरिंग सिस्टम है. रिजर्व बैंक ने मार्च 2020 में सेंट्रल पेमेंट फ्रॉड इंफॉरमेशन रजिस्ट्री (CPFIR) को शुरू किया था, जो कॉमर्शियल बैंकों और नॉन-बैंक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) से जुड़ा पेमेंट फ्रॉड रिपोर्ट करती है.
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08:13 PM IST