करोड़ों Farmers की चमकेगी तकदीर, इस खेती में हाथ आजमाने पर मिलेंगे 10 लाख
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Fri, Nov 20, 2020 03:54 PM IST
Uttar Pradesh के करोड़ों किसानों की किस्मत चमकने वाली है. उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) जैविक खेती (Organic farming) के जरिए किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi aadityanath) की मंशा प्रदेश को जैविक खेती का हब बनाने की है. इसके लिए पहले चरण में प्रदेश के 63 जिलों के 68 हजार हेक्टेयर रकबे में जैविक फसलें लहलहाएंगी. गंगा नदी के किनारे के सभी जिलों को इसमें शामिल किया गया है.
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Jaivik kheti in UP
जिन जिलों को Jaivik Kheti के लिए चुना गया है उनमें 36 जिले पारंपरिक खेती के जिले हैं और 27 जिले नमामि गंगे परियोजना (Namami Ganga Project) में शामिल हैं. खेती की बेहतर तरीके से मॉनीटरिंग हो इसके लिए सरकार की एप्रोच क्लस्टर खेती की होगी. हर क्लस्टर 50 एकड़ का होगा. खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार 3 साल में प्रति क्लस्टर 10 लाख रुपये का ग्रांट भी देगी. इसमें से 3,30,000-3,30,000 रुपये पहले और तीसरे साल दिए जाएंगे. बीच के साल में यह ग्रांट 3,40,000 रुपये की होगी.
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कहां खर्च होगी रकम
रकम में से 38 फीसद क्लस्टर के गठन, किसानों की क्षमता बढ़ाने, ब्रांडिंग और पैकेजिंग आदि पर खर्च होगा. क्लस्टर में शामिल किसानों को जैविक खेती के क्षेत्रों पर विजिट कराया जाएगा. विजिट के बाद उनको खेत की तैयारी, हरी खाद का प्रबंधन, नर्सरी की तैयारी, वर्मी कंपोस्ट, जैविक तरीके से कीटों और रोगों के प्रबंधन और वैल्यू एडीशन के लिए किसानों को उत्पाद की सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, लेवलिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. सरकार की योजना सभी मंडल मुख्यालयों पर जैविक मंडी खोलने की भी है.
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कैसे बढ़ेगी Income
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27 जिलों से गुजरती है गंगा
कृषि विभाग के अपर निदेशक (प्रसार) आनन्द त्रिपाठी का कहना है कि सरकार जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही है. इसको ध्यान में रखते हुए, गंगा नदी उत्तर प्रदेश में जिन 27 जिलों से होकर गुजरती है, उसके तट पर बसे सभी 1,038 ग्राम पंचायतों में भी जैविक खेती होगी. इसमें से कृषि विभाग और यूपी डास्प क्रमश: 16 और 11 जिलों में जैविक खेती कराएगा.
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Indo Gangetic belt
इंडो गैंजेटिक बेल्ट दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शुमार है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर इसका जिक्र भी करते हैं. उनका कहना है कि सिर्फ इंडो गैंजेटिक बेल्ट की भूमि ही पूरी दुनिया का अनाज का भंडार बन सकती है. शर्त यह है कि इसमें खेती के अद्यतन तौर-तरीके की मदद ली जाए. रासायनिक जहर जीवनदायनी गंगा में न जाएं इसके लिए सरकार ने ये नयी पहल की है.
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