Cryptocurrency पर प्रधानमंत्री मोदी ने दिया बड़ा बयान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी रखी अपनी राय
B20 summit में प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क जरूरी है. इथिकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी फोकस करना होगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को क्रिप्टोकरेंसी पर एक वैश्विक ढांचे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के नैतिक उपयोग का आह्वान किया.उन्होंने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘बी20 समिट इंडिया-2023’ में ‘अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता सेवा’ दिवस मनाने और कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग की मौजूदा प्रथा को छोड़कर ‘ग्रीन क्रेडिट’ को अपनाने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि भारत हरित क्रेडिट के लिए एक वैश्विक ढांचा तैयार कर रहा है और उद्योग जगत के दिग्गजों को धरती के अनुकूल व्यवसाय और जीवन शैली अपनानी चाहिए.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इथिकल इस्तेमाल जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी एक चुनौती है. इस मामले में अधिक से अधिक एकजुटता की जरूरत है. मुझे लगता है कि इस बारे में एक वैश्विक ढांचा तैयार करना चाहिए, जिसमें सभी हितधारकों के हितों का ख्याल रखा जाए.’’ उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संबंध में भी इसी तरह के दृष्टिकोण की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बहुत उत्साह दिखा रही है, लेकिन इसके बीच कुछ नैतिक विचार भी हैं. कौशल और पुन: कौशल के संबंध में एल्गोरिदम पूर्वाग्रह और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता जताई जा रही है. इन मुद्दों को भी हल किया जाना चाहिए.’’
🔸#Cryptocurrency पर ग्लोबल फ्रेमवर्क जरूरी
— Zee Business (@ZeeBusiness) August 27, 2023
🔸कंज्यूमर राइट्स डे मनाने के बजाय #ConsumerCareDay मनाने की जरूरत
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AI के नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करना चाहिए
मोदी ने उद्योग जगत और सरकारों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन अड़चनों को समझना होगा, जो विभिन्न क्षेत्रों में पैदा कर सकती हैं. इस समस्या को वैश्विक ढांचे के तहत हल करना होगा.’’ प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से पारंपरिक नजरिये पर फिर से विचार करने और ब्रांड तथा बिक्री से आगे सोचने के लिए कहा. उन्होंने कहा, ‘‘एक कारोबार के रूप में, हमें ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर भी ध्यान देना होगा, जो हमें दीर्घकालिक रूप से फायदा पहुंचाए.’’
दुर्लभ पदार्थ की उपलब्धता पर चिंता
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उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि महत्वपूर्ण पदार्थ और दुर्लभ धातुओं की असमान उपलब्धता है, जबकि इनकी जरूरत सभी को है. मोदी ने कहा, ‘‘जिनके पास ये हैं, यदि वे इन्हें वैश्विक दायित्व के रूप में नहीं देखते हैं, तो यह उपनिवेशवाद के एक नए मॉडल को बढ़ावा देगा.’’ उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि एक फायदे वाला बाजार तभी कायम रह सकता है, जब उत्पादकों और उपभोक्ताओं के हितों में संतुलन हो.
चंद्रयान मिशन विज्ञान और उद्योग दोनों की सफलता
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में त्योहारों का मौसम चंद्रयान-3 के चांद पर पहुंचने के साथ 23 अगस्त को ही शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन में कई कलपुर्जे निजी क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) ने उपलब्ध कराए. उन्होंने कहा, ‘‘यह विज्ञान और उद्योग दोनों की सफलता है.’’ जी20 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अफ्रीकी संघ को भी जी20 में स्थायी सदस्यता का न्योता दिया गया है. मोदी ने आगे कहा कि भारत उद्योग 4.0 के युग में डिजिटल क्रांति का चेहरा बन गया है. एक कुशल और भरोसेमंद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी देश का महत्वपूर्ण स्थान है. उन्होंने कहा कि आज भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
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04:58 PM IST