कमजोर रह सकता है मानसून, Skymet ने कहा- इस राज्य में 10 जून तक नहीं हैं भारी बारिश के आसार
Skymet Weather forecast: स्काइमेट ने कहा है कि दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत भले ही समय से पहले या समय पर हो, लेकिन यह कमजोर नजर आ रहा है.
उत्तर पूर्व में 28 मई से भारी बारिश हो सकती है. (फोटो: पीटीआई)
उत्तर पूर्व में 28 मई से भारी बारिश हो सकती है. (फोटो: पीटीआई)
Skymet Weather forecast: देश के कई इलाकों में भीषण गर्मी से राहत मिल गई है. प्री-मॉनसून बारिश के बाद अब लोगों को मानसून का इंतजार है. लेकिन इसे लेकर मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेट का अनुमान थोड़ा परेशान करने वाला है.. स्काइमेट ने कहा है कि, दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत भले ही समय से पहले या समय पर हो, लेकिन यह कमजोर नजर आ रहा है. वहीं इससे बुवाई पर असर पड़ सकता है. जून में पहले 10 दिनों के दौरान दक्षिण प्रायद्वीप और महाराष्ट्र में भारी बारिश नहीं होगी. वहीं उत्तर पूर्व में 28 मई से भारी बारिश हो सकती है.
Onset of #SW #monsoon may be on or before time, but seems to be weak. Sowing can get adversely impacted. No heavy #rains over south peninsula & #Maharashtra during first 10 days in June. #North east India may get heavy rain from May 28. #Monsoon2022 @SkymetWeather @JATINSKYMET
— Mahesh Palawat (@Mpalawat) May 26, 2022
पानी की कमी से जूझ रहा महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के जलाशयों (reservoirs) में अभी 37 प्रतिशत पानी का भंडार है, जबकि 401 टैंकर कई संकटग्रस्त इलाकों में सप्लाई कर रहे हैं. राज्य सरकार ने गुरुवार को यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा कि सरकार इसके डिस्ट्रिब्यूशन के लिए सही योजना के साथ पानी की सप्लाई एनश्योर करने के लिए काम कर रही है. 401 टैंकर राज्य भर के 455 गांवों और 1,001 बस्तियों में पानी की सप्लाई कर रहे हैं.
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टैंकरों के जरिए सप्लाई
पिछले सप्ताह की तुलना में 53 गांवों और 116 बस्तियों में पानी की सप्लाई के लिए टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके लिए अतिरिक्त 46 टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि अब तक नागपुर मंडल में टैंकरों से जलापूर्ति करने की कोई जरूरत नहीं पड़ी है. खास तौर से औरंगाबाद कमिश्नर ऑफिस द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों के 76 शहरी केंद्रों में से केवल सात में ही रोज पानी की सप्लाई होती है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दो बार पानी की सप्लाई के बीच एक से 15 दिनों का अंतर है.
प्री-मानसून से बहुत राहत नहीं
स्काइमेट के मुताबिक, आमतौर पर गुजरात में प्री-मानसून बारिश बहुत कम रहती है. इस बार भी पूर्व मानसून के दौरान गुजरात इलाके के साथ-साथ सौराष्ट्र और कच्छ दोनों में भारी वर्षा की कमी हो सकती है. गुजरात इलाके में 99% की कमी है जबकि सौराष्ट्र और कच्छ में 97% की कमी है. यानी की पूरे मानसून पूर्व मौसम के दौरान गुजरात में मौसम लगभग शुष्क रहेगा. स्काइमेट ने कहा है कि कम से कम अगले एक सप्ताह तक देश के पूर्वी हिस्सों में लू की कोई संभावना नहीं है. इन राज्यों में 31 मई के बाद बारिश की गतिविधियां कम हो सकती हैं. लेकिन पूर्वोत्तर बिहार में हल्की बारिश जारी रह सकती है.
07:34 PM IST