मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, धारा 370 को खत्म करने का फैसला, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा
कश्मीर में हर तरीके का कम्युनिकेशन बंद है. सुरक्षाबलों को स्पेशल सैटेलाइट फोन दिए गए हैं. जम्मू में CRPF की 40 कंपनियां तैनात हैं.
अमित शाह ने राज्य सभा में कहा, 'मैं प्रस्ताव करता हूं कि जम्मू-कश्मीर पूनर्गठन विधेयक 2019 को यह सदन स्वीकार करे और उस पर विचार करे.'
अमित शाह ने राज्य सभा में कहा, 'मैं प्रस्ताव करता हूं कि जम्मू-कश्मीर पूनर्गठन विधेयक 2019 को यह सदन स्वीकार करे और उस पर विचार करे.'
कश्मीर की नीतियों को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में जम्मू-कश्मीर मामलों पर सरकार का रुख साफ करते हुए कहा कि कश्मीर मुद्दे पर वह सदन में 4 संकल्प और बिल पेश कर रहे हैं. पहला संकल्प पेश करते हुए उन्होंने कहा कि यह सदन 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे, सिवाय एक खंड के.
उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 (3) के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी की जाने वाली सिफारिशों को लागू करने मांग करता हूं.'
मैं प्रस्ताव करता हूं, 'जम्मू-कश्मीर पूनर्गठन विधेयक 2019 को यह सदन स्वीकार करे और उस पर विचार करे.'
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गृह मंत्री ने एक अन्य प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के लिए सदन इस पर अपनी मंजूरी प्रदान करें. साथ ही उन्होंने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करने का प्रस्ताव रखा.
गृह मंत्री के इन प्रस्तावों को राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी है. भारत सरकार द्वारा जारी गजट के मुताबिक, अब जम्मू-कश्मीर से धारा 35-ए को हटा दिया गया है. आर्टिकल 370 के संशोधन पर सदन में चर्चा होगी.
शाह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा होगी लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि यह कदम सीमा पार आतंकवाद के लगातार खतरे को देखते हुए उठाया गया है.
उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोग लंबे समय से उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कर रहे थे और यह निर्णय स्थानीय जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लिया गया है. अमित शाह के संकलप पेश करते ही सदन में भारी हंगामा होने लगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अमित शाह के बोलने से पहले जम्मू-कश्मीर के हालात पर चर्चा करने की बात कही, इस पर गृह मंत्री ने कहा कि वह सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं.
इससे पहले पीएम आवास पर सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक हुई. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कश्मीर के हालात पर जानकारी दी. इस बैठक से तकरीबन एक घंटे पहले ही गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकार (NSA) प्रधानमंत्री आवास पहुंचे.
राज्यसभा में केवल जम्मू-कश्मीर पर चर्चा
राज्यसभा की आज सोमवार की सभी नियमित कार्यवाही को स्थगित किया गया. यहां सिर्फ जम्मू-कश्मीर के मसले पर ही चर्चा होगी. कोई प्रश्नकाल या जीरो ऑवर नहीं होगा. नियम 267 के तहत राज्यसभा के सभापति ने एक बड़े फैसले के तहत आज सदन में अन्य सारी कार्यवाहियां रद्द कर दी गईं.
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इस बीच केंद्र ने कई राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है. उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य हाई अलर्ट पर हैं. कश्मीर में हर तरीके का कम्युनिकेशन बंद है. सुरक्षाबलों को स्पेशल सैटेलाइट फोन दिए गए हैं. जम्मू में CRPF की 40 कंपनियां तैनात हैं. कश्मीर में 100 कंपनियां पहले पहले से ही तैनात हैं.
अनुच्छेद 35A?
1. 35A राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 14 मई 1954 को लागू किया.
2. तत्कालीन सरकार ने धारा 370 की ताकत इस्तेमाल की थी.
3. जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35A, धारा 370 का हिस्सा है.
4. राष्ट्रपति से पास होने के बाद संविधान में इसे जोड़ दिया गया.
5. जम्मू कश्मीर में बाहरी राज्यों के लोग संपत्ति नहीं खरीद सकते.
6. 14 मई 1954 को राज्य में रहने वाले लोग ही वहां के नागरिक माने गए. 1954 से 10 साल पहले से रहने वाले लोगों को नागरिक माना गया.
7. J&K की लड़की के बाहरी से शादी करने पर राज्य की नागरिकता से जुड़े अधिकार खत्म हो जाते हैं. शादी करने पर लड़की के बच्चों के भी जम्मू-कश्मीर में अधिकार नहीं माने जाते.
35A हटाने की मांग क्यों?
1. इस अनुच्छेद को संसद के जरिए लागू नहीं किया गया है.
2. इस अनुच्छेद की वजह से शरणार्थी अधिकार से वंचित हैं.
3. पाक के शरणार्थियों को जम्मू कश्मीर की नागरिकता नहीं.
4. इनमें 80 फीसदी लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय के हैं.
5. जम्मू कश्मीर में शादी करने वाली महिलाओं से भेदभाव जारी.
6. भारतीय नागरिकों के साथ जम्मू कश्मीर में भेदभाव होता है.
7. जम्मू कश्मीर में संविधान से मिले अधिकार खत्म हो जाते हैं.
8. संविधान सभा से संसद की कार्यवाही तक बिल का जिक्र नहीं.
9. अनुच्छेद 35A के लिए संविधान संशोधन लाने का भी जिक्र नहीं.
01:24 PM IST