फर्जी C-FARM से लगाई करोड़ों की चपत, PDF रीडर से की हेराफेरी
राजस्थान के डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (एसडीआरआई) की टीम ने 18 करोड़ रुपए की कर चोरी उजागर की है. एक इलैक्ट्रिकल्स कंपनी ने फार्म सी में हेराफेरी कर इस काम को अंजाम दिया था.
जब कोई फर्म स्टेट के बाहर से माल खरीदती है तो खरीदने वाली फर्म एक फार्म बेचने वाली को जारी करती है. इस फार्म को ही सी फार्म कहा जाता है. (फोटो- Zeebiz)
जब कोई फर्म स्टेट के बाहर से माल खरीदती है तो खरीदने वाली फर्म एक फार्म बेचने वाली को जारी करती है. इस फार्म को ही सी फार्म कहा जाता है. (फोटो- Zeebiz)
राजस्थान के डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (एसडीआरआई) की टीम ने 18 करोड़ रुपए की कर चोरी उजागर की है. एसडीआरआई ने 18 करोड़ के फर्जी सी फार्म पेश कर टैक्स में राहत लेने का मामला उजागर किया हैँ. जयपुर की इलैक्ट्रिकल्स सामान बनाने वाली एक नामी कंपनी ने फर्जी सी फार्म विभाग में पेश कर कर राहत ली है. कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश स्थित वाणिज्यिक कर विभाग के सी फॉर्म में हेराफेरी कर सरकार को करोड़ों रुपये का चुना लगाया है.
14 की जगह महज 2 फीसदी टैक्स भरा
राज्य में कर चोरी के प्रकरणों पर निगरानी रखने वाली संस्था एसडीआरआई ने के मुताबिक, इस मामले में इलैक्ट्रिकल्स सामान बनाने वाली एक कंपनी द्वारा राज्य के बाहर 14 प्रतिशत के टैक्स पर सामान की बिक्री की थी. इस बिक्री पर केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम के तहत माल को खरीदार यदि सी फार्म प्रस्तुत कर देता है तो उस पर नियमानुसार 14 प्रतिशत के स्थान पर 2 प्रतिशत की दर से ही कर चुकाना होता है.
कर्नाटक व मध्य प्रदेश में बेचे थे उत्पाद
इस प्रकरण में जयपुर स्थित कम्पनी द्वारा कथित रूप से वर्ष 2013-14 में राज्य के बाहर कर्नाटक व मध्य प्रदेश में इलैक्ट्रिकल्स सामान की बिक्री की थी. इसकी ऐवज में कर्नाटक एवं मघ्य प्रदेश स्थित कम्पनियों द्वारा 18 करोड़ रुपये के सी फार्म जारी किए थे, जिनको जयपुर स्थित कंपनी द्वारा सीएसटी दर में छूट प्राप्त करने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग में प्रस्तुत किया गया. विभाग को इन प्रस्तुत सी फार्म के सम्बंध में गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि इन सी फार्म में हेराफेरी की गई है. निदेशालय के अधिकारियों ने कंपनी के व्यवसाय स्थल की जांच की और आवश्यक दस्तावेज जुटाए.
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पीडीएफ रीडर की मदद से हेराफेरी
इन दस्तावेजो की जांच करने के बाद कर्नाटक एवं मघ्य प्रदेश स्थित वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया तथा उनके द्वारा मूल रूप से जारी किए गए सी फार्म की प्रतियां प्राप्त की गईं और जयपुर की कंपनी द्वारा पेश किए गए सी फार्म से उनका मिलान किया गया. जांच में पता चला कि जयपुर की कंपनी ने सी फार्म में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की है.
जयपुर की कंपनी ने पीडीएफ रीडर की मदद से सी फार्म को स्कैन कर अंकों में एवं राशि में फेर बदल कर दिया. निदेशालय ने जांच में पाया कि पूरे मामले में करीब 18 करोड़ रुपये के टैक्स की हेराफेरी की गई है. वाणिज्यिक कर विभाग इस प्रकरण में 2 प्रतिशत के स्थान पर 14 प्रतिशत की दर से कर एवं इस पर ब्याज राशि वसूल करने की तैयारी में है.
क्या है सी फार्म
जब कोई फर्म स्टेट के बाहर से माल खरीदती है तो उसे interstate (इंटरस्टेट) कहा जाता है खरीदने वाली फर्म एक फार्म्र बेचने वाली (जिससे माल खरीदा है) को जारी करती है. इस फार्म को ही सी फार्म कहा जाता है.
(जयपुर से अंकित तिवाड़ी की रिपोर्ट)
01:39 PM IST