IRRI के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र से चावल उत्पादन में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा भारत
चावल उत्पादन के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा देश है. पहले स्थान पर चीन आता है, लेकिन चावल निर्यात में भारत का पहला स्थान है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बनारस में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र परिसर का उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बनारस में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र परिसर का उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बनारस में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र परिसर का उद्घाटन किया. निश्चित ही यह केंद्र दक्षिण एशिया में सहयोग को बढ़ावा देगा. चावल उगाने वाले देशों की अनुसंधान क्षमता को मजबूत करेगा और चावल के मामले में भारत की एक नई पहचान को स्थापित करने में मदद करेगा.
चावल उत्पादन के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा देश है. पहले स्थान पर चीन आता है, लेकिन चावल निर्यात में भारत का पहला स्थान है. भारतीय बासमती विकास निर्यात प्रतिष्ठान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि दुनिया में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसलों में चावल प्रमुख फसल है. दुनिया का एक बड़ी आबादी का चावल एक मूल भोजन है. वैज्ञानिकों की कोशिश है कि चावल एक पूर्ण आहार बने. यानी ऐसा चावल विकसित किया जाए, जो इनसानी जरूरत के पौष्टिक तत्वों की पूर्ति करे. इस क्षेत्र में लगातार अनुसंधान हो रहे हैं और कुछ हद तक इस मामले में कामयाबी भी मिली है. चावल अनुसंधान संस्थान अलग अलग क्षेत्रों में पैदा होने वाले चावल पर अध्ययन कर पौष्टिक चावल तैयार करेगा.
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डॉ. रितेश शर्मा ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए ईरी की उपलब्धियों के बारे में बताया कि ईरी कम सिंचाई में बेहतर पैदावार वाले धान की प्रजातियों को विकसित करेगा. यहां कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाले धान की पैदावार के लिए शोध किए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान का मुख्यालय मनीला (फिलीपीँस) में स्थित है और अभी तक चावल की नई खोजों और इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर वैज्ञानिकों को मनीला जाना पड़ता था, लेकिन अब भारत में रहकर ही इस पर काम किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि यहां अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के धान को भारत सहित अन्य देशों के पर्यावरण के हिसाब से तैयार किया जाएगा और यहां की प्रजातियों को विदेशों में भी भेजा जाएगा.
डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि भारत में ज्यादातर किसान मोटा धान पैदा करते हैं, जिसके चलते उन्हें कम दाम मिलते हैं. अनुसंधान केंद्र खुलने से अब यहां अच्छी प्रजातियां विकसित होंगी तो किसानों की आय बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि यहां शुगर फ्री चावल पर भी शोध किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि बनारस में ईरी की शाखा खुलने से भारत समेत नेपाल, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों को भी फायदा होगा.
डॉ. रितेश ने बताया कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान मनाली में अंतर्राष्ट्रीय चावल शोध संस्थान का दौरा किया था. इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने जुलाई, 2017 में वाराणसी में ईरी (IRRI) के दक्षिण एशिया रीजनल सेंटर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. यह फिलीपींस से बाहर ईरी का पहला रिसर्च सेंटर है.
07:40 PM IST