GST को भी चुनावी एजेंडा बनाएं सियासी दल, बड़े उद्योगपतियों ने रखी डिमांड
उद्योग चैंबर एसोचैम ने लोकसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों के लिए अपनी मांगों की एक सूची जारी की.
सियासी दल देश की सालाना आर्थिक वृद्धि दर को 8 से 8.5 प्रतिशत रखने के लिए कदम उठाएंगे. (फोटो : Reuters)
सियासी दल देश की सालाना आर्थिक वृद्धि दर को 8 से 8.5 प्रतिशत रखने के लिए कदम उठाएंगे. (फोटो : Reuters)
उद्योग मंडल एसोचैम ने लोकसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों के लिए अपनी मांगों की एक सूची जारी की जिसमें देश को 2025 तक पांच हजार अरब रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए इन दलों से अपने चुनावी घोषणा पत्र को तैयार करते समय इन मांगों पर गैर करने का अनुरोध किया गया है.
एसोचैम ने एक बयान में कहा कि सभी राजनीतिक दल इस बात की शपथ लें कि वह देश की सालाना आर्थिक वृद्धि दर को 8 से 8.5 प्रतिशत रखने के लिए कदम उठाएंगे.
एसोचैम ने जीएसटी के सरलीकरण की मांग की है और सभी राजनीतिक दलों से इसे उनके चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा बनाने का अनुरोध किया है. इसके अलावा लोक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी का समय से विनिवेश, महिलाओं को 20 प्रतिशत से अधिक नौकरियां देने वाली कंपनियों को कर में एक प्रतिशत की छूट और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (MSME) उद्योग क्षेत्र को कॉरपोरेट आयकर में कटौती इत्यादि मांगे भी एसोचैम ने रखी हैं.
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साथ ही बाहर से ली जाने वाली शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने और आयुष्मान भारत को तेजी से लागू करने की भी मांग एसोचैम ने रखी है.
09:37 AM IST