FCI ने आटा मिल और व्यापारियों को बेचा 3.85 लाख टन गेहूं, सरकार के फैसले से 5 रुपये प्रति किलो सस्ता हुआ गेहूं
गेहूं की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और गेहूं के साथ आटे की कीमतों पर काबू पाने के कोशिशों के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने ई-नीलामी के दूसरे चरण में थोक उपभोक्ताओं को खुली बाजार बिक्री योजना के जरिए 3.85 लाख टन गेहूं बेचा है. पिछले महीने सरकार ने खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी.
FCI ने आटा मिल और व्यापारियों को बेचा 3.85 लाख टन गेहूं, सरकार के फैसले से 5 रुपये प्रति किलो सस्ता हुआ गेहूं (Reuters)
FCI ने आटा मिल और व्यापारियों को बेचा 3.85 लाख टन गेहूं, सरकार के फैसले से 5 रुपये प्रति किलो सस्ता हुआ गेहूं (Reuters)
गेहूं की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और गेहूं के साथ आटे की कीमतों पर काबू पाने के कोशिशों के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने ई-नीलामी के दूसरे चरण में थोक उपभोक्ताओं को खुली बाजार बिक्री योजना के जरिए 3.85 लाख टन गेहूं बेचा है. पिछले महीने सरकार ने खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी. इस 30 लाख टन में से भारतीय खाद्य निगम ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन बेचेगा और दो लाख टन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया जाएगा. गेहूं को आटे में बदलने के लिए संस्थानों और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों को तीन लाख टन तक गेहूं रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है.
15 फरवरी को एफसीआई ने बेचा 3.85 लाख टन गेहूं
एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘15 फरवरी को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा आयोजित दूसरी ई-नीलामी के दौरान 1,060 से अधिक बोलीदाताओं ने भाग लिया और 3.85 लाख टन गेहूं बेचा गया.’’ खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी एफसीआई ने नीलामी के दौरान 15.25 लाख टन गेहूं के स्टॉक की पेशकश की थी. दूसरी ई-नीलामी में 100 से 499 टन तक की मात्रा में अधिकतम मांग थी. इसके बाद 500-1000 टन और 50-100 टन की मांग थी. इसका सीधा मतलब हुआ कि छोटे और मध्यम आटा मिलों और व्यापारियों ने नीलामी में सक्रिय रूप से भाग लिया. बयान में कहा गया है, ‘‘एक बार में 3000 टन की अधिकतम मात्रा के लिए सिर्फ 5 बोलियां मिलीं.’’
सरकार के फैसले से गेहूं की कीमतों में आई गिरावट
नीलामी में एफसीआई द्वारा भारित औसत दर 2,338.01 रुपये प्रति क्विंटल वसूल किया गया. बयान में कहा गया, ‘‘दूसरी ई-नीलामी में एफसीआई ने 901 करोड़ रुपये जुटाए.’’ ई-नीलामी के पहले दौर में एफसीआई ने 9.2 लाख टन गेहूं बेचा था. देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए एफसीआई गेहूं की ई-नीलामी की पेशकश कर रहा है. ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं की बिक्री मार्च, 2023 के दूसरे सप्ताह तक प्रत्येक बुधवार को पूरे देश में जारी रहेगी.
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बुधवार को केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा था कि केंद्र द्वारा खुले बाजार में 30 लाख टन अनाज बेचने के फैसले के बाद से थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं की कीमतों में लगभग 5 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है. यदि कीमत को और कम करने की आवश्यकता हुई तो और भी ऐसे कदम उठाये जा सकते हैं.
भाषा इनपुट्स के साथ
07:30 PM IST