'EVM से छेड़छाड़ मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है', जानिए कितनी सुरक्षित है मशीन
सोशल मीडिया पर भी इस तरह की कई अफवाहें चल रही हैं. इस पर चुनाव आयोग ने आम लोगों से अपील की है कि इस तरह की किसी अफवाह पर ध्यान न दें.
चुनाव आयोग ने EVM से जुड़ी शिकायतों के लिए शुरू किया कंट्रोल रूम (फोटो: PTI)
चुनाव आयोग ने EVM से जुड़ी शिकायतों के लिए शुरू किया कंट्रोल रूम (फोटो: PTI)
कई राजनीतिक पार्टियों की ओर से EVM मशीनों में खराबी और मशीनों को बदले जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी इस तरह की कई अफवाहें चल रही हैं. इस पर चुनाव आयोग ने आम लोगों से अपील की है कि इस तरह की किसी अफवाह पर ध्यान न दें. चुनाव आयोग ने बताया कि सभी EVM मशीनों को सट्रांगरूम में बेहद सुरक्षित तरीके से रखा गया है. आइये जानते हैं इन EVM मशीनों की कितनी होती है सुरक्षा.
मशीनें दो बार सील होती हैं
चुनाव के बाद सभी EVM मशीनों और VVPAT मशीनों को बेहद कड़ी सुरक्षा में देश भर में जगह - जगह बनाए गए स्ट्रांग रूम में पहुंचाया जाता है. EVM मशीनों को दो बार सील कर लॉक किया जाता है ताकि इनमें कोई गड़बड़ी न कर सके. मशीनों को सील करने की प्रक्रिया राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों व चुनाव ऑयोग के परवेक्षकों के सामने की जाती है.
सीवीटीवी कैमरों से होती है निगरानी
मशीनों को सील किए जाने और उन्हें स्ट्रांगरूम तक पहुंचाए जाने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है. एक बार मशीनें स्ट्रांगरूम में पहुंच जाती हैं तो इन्हें सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा जाता है. ये मशीनें इस निगरानी में तब तक रहती हैं जब तक मतगणना का काम पूरा न हो जाए.
#ChunaavIndiaKa | #EVM से छेड़छाड़ मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, जानिए EVM पर देशहित में आपके सारे सवालों के जवाब हमारी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में। pic.twitter.com/kMYQnS0gXp
— Zee Business (@ZeeBusiness) May 22, 2019
24 घंटे रखी जाती है नजर
हर स्ट्रांगरूम पर Central Armed Police Forces (CAPF) के जवान तैनात रहते हैं जो 24 घंटे स्ट्रांगरूम की निगरानी करते हैं. इसके अलावा राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि भी 24 घंटे स्ट्रांगरूम पर नजर रखते हैं. ऐसे में किसी तरह के हेरफेर की संभावना नहीं रहती है.
मतगणना के दिन स्ट्रांगरूम को खोला जाता है
मतगणना के दिन स्ट्रांगरूम को खोला जाता है. इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी या एजेंट व चुनाव आयोग के परवेक्षक की उपस्थिति में स्ट्रांगरूम खुलता है. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होती है. मतगणना शुरू करने के पहले काउंटिंग एजेंटों को EVM मशीनों पर लगी सील, सीरीयल नम्बर व जहां की मशीन है वहां का पता दिखाया जाता है. एक बार एजेंट संतुष्ट हो जाते है तो ही मतगणना शुरू होती है.
चुनाव आयोग ने बताया कंट्रोल रूम
चुनाव आयोग ने निर्वाचन सदन में एक कंट्रोल रूम बनाया है जो सुबह 011 बजे से एक्टिव है. किसी भी तरह की शिकायत फोन नम्बर 011-23052126 के जरिए दर्ज कराई जा सकती है. यहां पर EVM से जुड़ी शिकायातें को दर्ज करने के साथ उनके समाधान के लिए भी प्रयास किया जा रहा है.
06:05 PM IST