'लर्निंग विद ह्युमन फील' के साथ होगी बच्चों की पढ़ाई, दिल्ली सरकार का नया प्लान
डिजिटल क्लास में ह्यूमन फील आए और डिजिटल डिवाइट पैदा न हो, इनका ध्यान में रखते हुए 'लर्निंग विद ह्युमन फील' योजना तैयार की है.
दिल्ली सरकार ने स्कूल लेवल पर शिक्षा को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए एक प्लान तैयार किया है.
दिल्ली सरकार ने स्कूल लेवल पर शिक्षा को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए एक प्लान तैयार किया है.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि कोरोना से शिक्षा को जो नुकसान (COVID-19 Impact on Education) हो रहा है उसकी भरपाई करना मुश्किल है.
स्कूल लेवल पर शिक्षा को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए एक प्लान तैयार किया है. उनकी कोशिश है कि ऐसे प्लान तैयार किए जाएं, जिनसे पढ़ाई का कम से कम नुकसान हो. ऑनलाइन एजुकेशन का सबसे बड़ा खतरा डिजिटल डिवाइड (Digital divide) का है.
शिक्षा मंत्री ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि समाज में एक वर्ग ऐसा है जो डिजिटल साउंड और दूसरा वर्ग जो डिजिटल तकनीक से दूर है. ये डिजिटल डिवाइड समाज को दो हिस्सों में बांट सकता है.
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साथ ही केवल ऑनलाइन क्लास (Online Class) करने से पढ़ाई नहीं हो सकती है. क्योंकि शिक्षा के दायरे में बच्चे के स्कूल जाना भी आता है. इससे भी बच्चा कुछ न कुछ सीखता है. एक-दूसरे के संपर्क में आने से भी बच्चा बहुत कुछ सीखता है. और ऑनलाइन क्लास में एजुकेशन के इन विकल्पों को पूरा नहीं किया जा सकता है. इन सब बातों का ध्यान रखते हुए दिल्ली के एजुकेशन एक्सपर्ट ने एक सिस्टम तैयार करने की कोशिश की है. और इस सिस्टम को नाम दिया है 'लर्निंग विद ह्यूमन फील' (Learning with human feel) यानी इंसानी एहसास के साथ पढ़ाई.
क्या है दिल्ली सरकार की योजना
डिजिटल क्लास (Digital Class) में ह्यूमन फील आए और डिजिटल डिवाइट पैदा न हो, इन बातों को ध्यान में रखते हुए 'लर्निंग विद ह्युमन फील' योजना तैयार की है. इस योजना में कोशिश होगी कि ऑनलाइन क्लास के दौरान टीचर और बच्चों को बीच लगातार संपर्क बना रहे.
Our School Management Committees (SMC) will be active partners with teachers in reaching out to parents for learning and well being of every child.
— Manish Sisodia (@msisodia) July 2, 2020
We will ensure that students do not lose out on academics due to #COVID19
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इस प्लान को तीन हिस्सों में बांटा गया है.
1- इसमें केजी से कक्षा 8 तक के टीचर व्हाट्सऐप (Whatsapp Class) के माध्यम से टीचर अपने बच्चों से जुड़े हुए हैं. इसमें जिन परिवार के पास इंटरनेट (Internet) या व्हाट्सऐप (Whatsapp) की सुविधा नहीं हैं, ऐसे बच्चों के माता-पिता को बुलाकर स्टडी मैटेरियल दिया जाएगा. इसमें लिखने और पढ़ने पर फोकस रहेगा.
2- दूसरा वर्ग है 9-10 क्लास का. इसमें भी पहले वर्ग की तरह ही पढ़ाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
3- तीसरे वर्ग में 11-12 को शामिल किया गया है. इसमें लाइव ऑनलाइन क्लास पर फोकस किया गया है. रोजना 40-45 मिनट के दो पीरियड होंगे. यहां भी ऐसा वर्ग है जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं होगी, ऐसे बच्चों के साथ फोन पर बात करके पढ़ाई में मदद की जाएगी.
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11वीं और 12वीं क्लास के बच्चों के लिए गणित और साइंस की अलग से क्लास भी चलाई जाएंगी. इस काम में निजी कोचिंग सेंटर सरकार की मदद करेंगे. इन तमाम एक्टिविट्ज की लगातार समीक्षा की जाएगी.
08:23 PM IST