Covid-19 in Delhi: कोरोना बम के मुहाने पर दिल्ली, CAIT ने की लॉकडाउन लगाने की डिमांड
Demand of 15-day lock down in Delhi: कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने आज यहां कहा की पिछले एक महीने के आंकड़े इस बात के गवाह हैं की अगर कोरोना की चेन को तुरंत नहीं रोका गया तो दिल्ली में कोरोना का बम फूटना तय है.
दिल्ली के सभी बॉर्डर पर कोरोना की जांच के सख्त इंतजाम किये जाएं जिससे कोरोना की बढ़ती दर पर अंकुश लगाया जा सके. (PTI)
दिल्ली के सभी बॉर्डर पर कोरोना की जांच के सख्त इंतजाम किये जाएं जिससे कोरोना की बढ़ती दर पर अंकुश लगाया जा सके. (PTI)
Demand of 15-day lock down in Delhi: दिल्ली (Delhi) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) यानी कैट ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल (Lieutenant Governor of Delhi Anil Baijal) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) से शहर में 15 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाने की डिमांड की है. उनका कहना है कि लॉकडाउन तुरंत प्रभाव में लाया जाना चाहिए. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने आज यहां कहा की पिछले एक महीने के आंकड़े इस बात के गवाह हैं की अगर कोरोना की चेन को तुरंत नहीं रोका गया तो दिल्ली में कोरोना का बम फूटना तय है.
दिल्ली के सभी बॉर्डर पर टेस्ट के हों इंतजाम (Tests should be done on all the borders of Delhi)
खबर के मुताबिक, कैट ने यह भी डिमांड किया है कि दिल्ली के सभी बॉर्डर पर कोरोना की जांच के सख्त इंतजाम किये जाएं जिससे कोरोना की बढ़ती दर पर अंकुश लगाया जा सके. कैट ने कहा की इस कदम से निश्चित रूप से दिल्ली की व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी लेकिन अब जान को पहले वरीयता पर रखना होगा. कैट ने कहा की दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने खुद इस बात को स्वीकार किया है की दिल्ली में बेड की कमी है और दवाइयां, ऑक्सीजन आदि की भी किल्लत है. केजरीवाल का यह कहना अपने आप में पर्याप्त है की अगर जल्द कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए तो हालात बेकाबू हो सकते हैं.
यह आंकड़े बेहद भयावह हैं (Covid-19 figures are horrifying)
कैट के शीर्ष नेताओं ने कहा की 18 मार्च को दिल्ली में 80253 टेस्ट हुए थे जिसमें 607 कोरोना के मामले थे और कोरोना की दर 0.76% थी जबकि 1 अप्रैल को दिल्ली में 78100 टेस्ट हुए और 2790 कोरोना के मामले निकले और कोरोना दर 3.5% थी वहीँ 8 अप्रैल को 91800 टेस्ट हुए और 7437 कोरोना के मामले निकले जिसकी कोरोना दर 8 .10 % थी और कल 17 अप्रैल को दिल्ली में 99200 टेस्ट हुए जिसमें 24375 कोरोना के मामले निकले जिसकी कोरोना दर 24.57% थी. यह आंकड़े बेहद भयावह हैं और स्पष्ट दर्शाते हैं की दिल्ली में कोरोना अपना विकराल रूप ले चुका है.
मरीजों में हताशा और निराशा (Frustration and despair in patients)
कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन अहुजा और प्रदेश महामंत्री देवराज बवेजा ने कहा की सरकार कुछ भी दावा करे लेकिन सच्चाई यह है की दिल्ली में मेडिकल व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है क्योंकि जिस तादाद में मरीज बढ़ रहे हैं, उस तादाद में मेडिकल सुविधएं हैं ही नहीं. अस्पतालों में बिस्तर नहीं है, आईसीयू खाली नहीं हैं, कोरोना मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं. वहीँ कैट के प्रदेश महामंत्री और दिल्ली ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के महामंत्री आशीष ग्रोवर ने बताया की दिल्ली के अलग-अलग भागों से लोग बड़ी तादाद में कुछ कोरोना से जुड़ी विशेष दवाइयों की लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन वो दवाइयां बिलकुल भी उपलब्ध नहीं है जिसके कारण मरीजों में हताशा और निराशा है. लोग अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं. सच तो यह है की पैसे तो हैं लेकिन मरीज को इलाज उपलब्ध नहीं है.
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04:02 PM IST